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प्रयागराज: गुरु शिष्य की परंपरा का निर्वहन करने आए विदेशी

प्रयागराज में आयोजित गुरु पूर्णिमा पर्व के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक शामिल हुए. यहां उन्होंने अपने गुरूओं से आशीर्वाद लेने के बाद इस पर्व को धूमधाम से मनाया.

विदेशी नागरिक
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Published : Jul 17, 2019, 4:45 AM IST

प्रयागराज: गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया. भारतीय परंपरा का रंग अब विदेशियों में भी देखने को मिल रहा है. प्रयागराज के झूंसी स्थित आश्रम में विदेशों से आए नागरिकों ने अपने गुरु का आशीर्वाद लेकर गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया. उनके साथ देश के कोने-कोने से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इस पर्व पर गुरु का आशिर्वाद लिया.

विदेशी नागरिकों ने मनाया गुरु पूर्णिमा का पर्व.


प्रयागराज के झूंसी में क्रियायोग आश्रम में भारत की योग पद्धति का प्रचार प्रसार हो रहा है. भारत के साथ-साथ विदेशों से भी लोग योग क्रिया को सीख कर इसका प्रचार-प्रसार विदेशों में कर रहे हैं. ऐसे में योग के पावन पर्व पर अमेरिका, लंदन, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, नाइजीरिया, दुबई और सिंगापुर सहित कई अन्य देशों के नागरिकों ने यहां पर आकर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया.

''भारतीय संस्कृत में गुरु शिष्य परंपरा बहुत ही उच्च मायने रखती है. वास्तव में गुरु वही है जहां उसे ज्ञान मिलता है. यही से गुरु शिष्य परंपरा की शुरुआत होती है. आज भारत नहीं विदेशों में भी गुरु शिष्य परंपरा का पालन हो रहा है. भारतीय संस्कृति हमेशा से ही मार्गदर्शक के रूप में रही है जो आज विदेशियों को भा रही है.''
योगी सत्यम, योग गुरु

प्रयागराज: गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया. भारतीय परंपरा का रंग अब विदेशियों में भी देखने को मिल रहा है. प्रयागराज के झूंसी स्थित आश्रम में विदेशों से आए नागरिकों ने अपने गुरु का आशीर्वाद लेकर गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया. उनके साथ देश के कोने-कोने से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इस पर्व पर गुरु का आशिर्वाद लिया.

विदेशी नागरिकों ने मनाया गुरु पूर्णिमा का पर्व.


प्रयागराज के झूंसी में क्रियायोग आश्रम में भारत की योग पद्धति का प्रचार प्रसार हो रहा है. भारत के साथ-साथ विदेशों से भी लोग योग क्रिया को सीख कर इसका प्रचार-प्रसार विदेशों में कर रहे हैं. ऐसे में योग के पावन पर्व पर अमेरिका, लंदन, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, नाइजीरिया, दुबई और सिंगापुर सहित कई अन्य देशों के नागरिकों ने यहां पर आकर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया.

''भारतीय संस्कृत में गुरु शिष्य परंपरा बहुत ही उच्च मायने रखती है. वास्तव में गुरु वही है जहां उसे ज्ञान मिलता है. यही से गुरु शिष्य परंपरा की शुरुआत होती है. आज भारत नहीं विदेशों में भी गुरु शिष्य परंपरा का पालन हो रहा है. भारतीय संस्कृति हमेशा से ही मार्गदर्शक के रूप में रही है जो आज विदेशियों को भा रही है.''
योगी सत्यम, योग गुरु

Intro:गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व पूरे देश में आज धूमधाम से मनाया जा रहा है भारतीय परंपरा की यह हक अब विदेशों में भी पड़ रही है आज प्रयागराज के झूंसी स्थित आश्रम में में विदेशों से आए नागरिकों ने अपने गुरु का आशीर्वाद ले गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया। उनके साथ साथ देश के कोने कोने से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इस पर्व पर गुरु का आशिर्वाद लिया।


Body:बता दे कि प्रयागराज के झूंसी में क्रियायोग आश्रम में भारत की योग पद्धति का प्रचार प्रसार हो रहा है। जहा पर भारत के साथ साथ विदेशो से भी लोग योग क्रिया को सीख कर इसका प्रचार प्रसार विदेशों में कर रहे है। ऐसे में योग के पावन पर्व पर अमेरिका लंदन जर्मनी फ्रांस कनाडा नाइजीरिया दुबई सिंगापुर सहित कई अन्य देशों के नागरिकों ने यहां पर आकर के गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया और योग गुरु से प्राप्त की गई शिक्षा पर उनका आशीर्वाद लिया। योग गुरु योगी सत्यम ने बताया कि भारतीय संस्कृत में गुरु शिष्य परंपरा बहुत ही उच्च मायने रखती है और वास्तव में गुरु वही है जहां उसे ज्ञान मिलता है यही से गुरु शिष्य परंपरा की शुरुआत होती है आज भारत नहीं विदेशों में भी गुरु शिष्य परंपरा का पालन हो रहा है भारतीय संस्कृति हमेशा से ही मार्गदर्शक के रूप में रही है जो आज विदेशियों को भा रही है।


Conclusion:आज शाम यहां पर आयोजित हुए गुरु पूर्णिमा पर्व के कार्यक्रम में भारी संख्या में विदेशी नागरिकों ने यहां पर आ कर आशीर्वाद लिया है और उन्होंने माना है कि भारत में गुरु शिष्य परंपरा का कोई तोड़ नहीं है जो कई मायनों में एक नई सीख प्रदान करती है।

बाईट: योगी सत्यम योग गुरु

बाईट : विदेशी महिला

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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