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विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व, बड़ी संख्या में विदेशी शिष्य पहुंचे संगम नगरी

आज पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. प्राचीन काल से चले आ रहे इस पर्व का मुख्य उद्देश्य गुरु का साम्मान करना होता है. संगम नगरी प्रयागराज में गुरु पूर्णिमा का अनोखा नज़ारा देखने को मिल रहा है. यहां भारी संख्या में गुरु पूर्णिमा के पर्व को मानाने के लिए विदेशी आए हुए हैं. सात समंदर पार से आई इनकी टोली विशेष तौर पर गुरु पूर्णिमा के पर्व को मानाने आई है.

विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व
विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व
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Published : Jul 24, 2021, 1:24 PM IST

प्रयागराज: आज गुरु पूर्णिमा का पर्व है. विदेशी सैलानी गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में संगम नगरी प्रयागराज आए हुए हैं. देश के मशहूर योग गुरु योगी सत्यम से आशीर्वाद और उनको धन्यवाद देने के लिए कई अलग-अलग देशों से ये लोग आए हुए है. अमेरिका, ब्राज़ील, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से विदेशी सैलानी आए हुए हैं. हालांकि कुछ विदेशी सैलानी ऐसे भी हैं कि वह पिछले कई सालों से भारत में ही रह कर के गुरु पूर्णिमा के पर्व को मना रहे हैं. उनका कहना है कि भारत आने के बाद उनको यहां की संस्कृति और गुरु शिष्य के रिश्ते की जानकारी हुई और अब वह इस पर्व को मना रहे हैं.

विदेशी सैलानियों ने किया योग
एक बड़े से हॉल में प्रयागराज के झूंसी स्थित क्रिया योगा आश्रम में एक ही जगह देश के अलग-अलग राज्यों से आए सैलानियों और विदेशी सैलानियों का संगम देखने को मिला. शिष्यों ने अपने गुरु का आशीर्वाद लिया. ख़ास बात ये है कि विदेशों में गुरु पूर्णिमा के महत्त्व के बारे में लोग जानते है ये बड़ी बात है. इंसान गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान व भक्ति की शिक्षा से जीवन में निरंतर आगे बढ़ता है. उनके मार्गदर्शन, आशिर्वाद से वह सफलता की बुलंदियों को छूता है. इंसान जितना आगे बढ़ता है सच्चे गुरु की जरूरत उतनी ही पड़ती है.

विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व

यूएसए से आई शिष्य अहाना ने बताया कि आज गुरु पूर्णिमा है. हम लोग सेलिब्रेट कर रहे है और क्रिया योग ध्यान किया है. गुरु जी का आशीर्वाद लिया है और भारत देश की संस्कृति अपनाया है. क्रिया योग ध्यान हमेशा करेंगे और गुरु पूर्णिमा को गुरु का आशीर्वाद भी लेंगे.

ब्राजील से आए अल्बर्ट उर्फ स्वामी भवानंद ने बताया कि भारत आने से पहले नहीं पता था कि गुरु क्या होता है. भारत देश में आने के बाद ही पता चलेगा क्या होता है गुरु पूर्णिमा का महत्व. क्रिया योग ध्यान करते-करते तब पता चला कि गुरु का होना बहुत ही अति आवश्यक है. सभी तरह की समस्याओं, कठिनाइयों में गुरु का आशीर्वाद होना बहुत जरूरी है.

विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व
विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व

इसे भी पढ़ें-गुरु पूर्णिमा: अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब, मथुरा में निकाली गई शोभा यात्रा

योग गुरु योगी सत्यम महाराज के अनुसार क्रिया योग आश्रम मे गुरु पूर्णिमा का पर्व मानव संस्कृति का अभूत क्रिया है. आज क्रिया योग आश्रम में विदेशी सैलानियों ने आशीर्वाद लिया. योग गुरु ने कहा कि भारत देश में क्रिया योग की शिक्षा लेने विदेशों से भी लोग आ रहे हैं. भारत की संस्कृति को अपना रहे हैं. गुरु पूर्णिमा पर कई देशों से विदेशी सैलानी आए हुए हैं.

प्रयागराज: आज गुरु पूर्णिमा का पर्व है. विदेशी सैलानी गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में संगम नगरी प्रयागराज आए हुए हैं. देश के मशहूर योग गुरु योगी सत्यम से आशीर्वाद और उनको धन्यवाद देने के लिए कई अलग-अलग देशों से ये लोग आए हुए है. अमेरिका, ब्राज़ील, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से विदेशी सैलानी आए हुए हैं. हालांकि कुछ विदेशी सैलानी ऐसे भी हैं कि वह पिछले कई सालों से भारत में ही रह कर के गुरु पूर्णिमा के पर्व को मना रहे हैं. उनका कहना है कि भारत आने के बाद उनको यहां की संस्कृति और गुरु शिष्य के रिश्ते की जानकारी हुई और अब वह इस पर्व को मना रहे हैं.

विदेशी सैलानियों ने किया योग
एक बड़े से हॉल में प्रयागराज के झूंसी स्थित क्रिया योगा आश्रम में एक ही जगह देश के अलग-अलग राज्यों से आए सैलानियों और विदेशी सैलानियों का संगम देखने को मिला. शिष्यों ने अपने गुरु का आशीर्वाद लिया. ख़ास बात ये है कि विदेशों में गुरु पूर्णिमा के महत्त्व के बारे में लोग जानते है ये बड़ी बात है. इंसान गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान व भक्ति की शिक्षा से जीवन में निरंतर आगे बढ़ता है. उनके मार्गदर्शन, आशिर्वाद से वह सफलता की बुलंदियों को छूता है. इंसान जितना आगे बढ़ता है सच्चे गुरु की जरूरत उतनी ही पड़ती है.

विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व

यूएसए से आई शिष्य अहाना ने बताया कि आज गुरु पूर्णिमा है. हम लोग सेलिब्रेट कर रहे है और क्रिया योग ध्यान किया है. गुरु जी का आशीर्वाद लिया है और भारत देश की संस्कृति अपनाया है. क्रिया योग ध्यान हमेशा करेंगे और गुरु पूर्णिमा को गुरु का आशीर्वाद भी लेंगे.

ब्राजील से आए अल्बर्ट उर्फ स्वामी भवानंद ने बताया कि भारत आने से पहले नहीं पता था कि गुरु क्या होता है. भारत देश में आने के बाद ही पता चलेगा क्या होता है गुरु पूर्णिमा का महत्व. क्रिया योग ध्यान करते-करते तब पता चला कि गुरु का होना बहुत ही अति आवश्यक है. सभी तरह की समस्याओं, कठिनाइयों में गुरु का आशीर्वाद होना बहुत जरूरी है.

विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व
विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व

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योग गुरु योगी सत्यम महाराज के अनुसार क्रिया योग आश्रम मे गुरु पूर्णिमा का पर्व मानव संस्कृति का अभूत क्रिया है. आज क्रिया योग आश्रम में विदेशी सैलानियों ने आशीर्वाद लिया. योग गुरु ने कहा कि भारत देश में क्रिया योग की शिक्षा लेने विदेशों से भी लोग आ रहे हैं. भारत की संस्कृति को अपना रहे हैं. गुरु पूर्णिमा पर कई देशों से विदेशी सैलानी आए हुए हैं.

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