प्रयागराजः नगर निगम में अन्नपूर्णा कैंटीन का उदघाटन करके गरीबों को 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में खाना खाने का निमंत्रण दिया था. उदघाटन के एक महीने बाद भी इस कैंटीन में किसी गरीब को सस्ते दर पर कुछ भी खाने को नसीब नहीं हुआ. 8 दिसंबर को गरीबों के लिए अन्नपूर्णा कैंटीन की शुरुआत निकाय चुनाव को देखते हुए आनन-फानन में कर दी गयी. वहीं, इस कैंटीन के उद्घाटन के महीने बाद ताला लगे होने को लेकर कांग्रेस पार्षद ने इसे माता अन्नपूर्णा के नाम का अपमान बताया है. उनका कहना है कि अन्नपूर्णा की रसोई कभी खाली नहीं रहती है और यहां अन्नपूर्णा कैंटीन सिर्फ नाम के लिए खोली गयी है, जहां पर गरीब को एक भी निवाला नसीब हो सका है.
प्रयागराज नगर निगम परिसर में शुरू हुई इस कैंटीन का उदघाटन के बाद ताला ही नहीं खुल सका है. मां अन्नपूर्णा के नाम पर खोली गयी इस कैंटीन से गरीबों को 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में खाना दिया जाना है, लेकिन इसकी शुरुआत कब होगी इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं है. लाखों रुपये की लागत से कैंटीन तैयार करवा ली गयी. भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर इस कैंटीन का उदघाटन 8 दिसंबर को किया गया था, लेकिन उसके बाद से इस कैंटीन में ताला ही लटका हुआ है.
नगर निगम मुख्यालय के आसपास के दुकानदार और दूसरे लोग इस कैंटीन के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही नगर निगम में आउट सोर्सिंग और संविदा पर कार्य करने वाले कर्मचारी भी उदघाटन के बाद से ही इस कैंटीन के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उदघाटन के एक महीने बाद भी उन्हें कैंटीन से सस्ते दर पर एक निवाला भी खाने को नहीं मिल सका है.
8 दिसंबर को उदघाटन के बाद से बंद है ताला
नगर निगम मुख्यालय के परिसर में अन्नपूर्णा कैंटीन (Annapurna Canteen Prayagraj) का उदघाटन 8 दिसंबर को महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी और नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने किया था. इस कैंटीन के उदघाटन से पहले से ही बताया गया था कि अन्नपूर्णा कैंटीन से गरीबों को पांच रुपये में नाश्ता और दस रुपये में खाना दिया जाएगा, लेकिन गरीबों का पेट भरने वाली इस कैंटीन का उदघाटन के बाद ताला ही नहीं खुला.
कांग्रेस पार्षद ने कहा मां अन्नपूर्णा के नाम का है अपमान
कांग्रेस नेता सदन मुकुंद तिवारी का कहना है कि माता अन्नपूर्णा के नाम पर खोली गयी कैंटीन से किसी गरीब को एक निवाला तक न मिल पाना उनके नाम का अपमान है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सिर्फ राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस कैंटीन का उदघाटन किया गया है. पिछले दिनों निकाय चुनाव की डेट जारी होने की उम्मीद में आनन-फानन में कैंटीन का उदघाटन कर दिया गया, जबकि अभी तक निगम यही तय नहीं कर पाया है कि किस एजेंसी या संस्था के जरिये कैंटीन का संचालन किया जाएगा.
कांग्रेस पार्षद ने नगर निगम के इस उदघाटन को सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि सरकार ने अगर कैंटीन का उदघाटन किया है, तो उसे शुरू करवाकर गरीबों को सस्ते दर पर नाश्ता और भोजन उपलब्ध करवाए. इसके साथ ही कांग्रेस पार्षद ने यह भी आरोप लगाया कि जब कैंटीन चलाने वाली एजेंसी तय नहीं हुई थी, तो उसका उदघाटन क्यों किया गया, इसकी जांच होनी चाहिए.
नगर आयुक्त और महापौर ने काटी कन्नी
वहीं, अन्नपूर्णा कैंटीन के उदघाटन के बाद भी सस्ते दर पर नाश्ता भोजन की शुरुआत न होने के सवाल का जवाब देने से जिम्मेदार लोग बच रहे हैं. नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए एजेंसियों से बातचीत हो रही है. जैसे ही कोई एजेंसी या स्वयं सेवी संस्था इस कार्य के लिए आगे आएगी कैंटीन की शुरुआत करवायी जाएगी. हालांकि बिना एजेंसी के चयन के कैंटीन के उदघाटन के सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं था.
वहीं, अन्नपूर्णा कैंटीन का उदघाटन करने वाली महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने भी कैमरे पर बोलने से बचती रहीं. इसके साथ भाजपा किसान मोर्चा के नेता पूर्व पार्षद अमित सिंह का कहना है कि महापौर ने कैंटीन का उदघाटन हो चुका है. जल्द ही वहां सस्ते दर पर खाना मिलेगा. वहीं, इस कैंटीन के उदघाटन के लिए विपक्षी नेताओं ने महापौर को ही जिम्मेदार बताया है.
कांग्रेस पार्षद मुकुंद तिवारी का कहना है कि महापौर ने ही आचार संहिता लागू होने से पहले उदघाटन दबाव बनाया होगा. जिस कारण एजेंसी का चयन होने से पहले अन्नपूर्णा कैंटीन का उदघाटन कर दिया गया.