प्रयागराजः श्रृंगवेरपुर धाम में देवोत्थान एकादशी से शुरू होने वाला राष्ट्रीय रामायण मेला बुधवार से शुरू हो गया है. रामायण मेला की शुरुआत उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने की. इस अवसर पर उन्होंने अपना संबोधन देते हुए कहा कि श्रृंगवेरपुर धाम समरसता का ऐसा केंद्र है, जिसकी शुरुआत त्रेतायुग में भगवान राम ने की थी. यहां निषाद राज और भगवान श्री राम के मिलन को हमेशा याद किया जाता रहेगा.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी पहचान
कार्यक्रम के दौरान पर्यटन मंत्री ने कहा कि जिस तरह तीर्थराज प्रयाग के कुंभ की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है, उसी तरह पर इस स्थान की भी पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिलाई जाएगी. यह राष्ट्रीय रामायण मेला राष्ट्रीय नहीं बल्कि अपने महत्व के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. यहां के विकास के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है. इसी को दृष्टिगत रखते हुए यहां पर विकासखंड और जन सुविधा केंद्र भी बनाया गया है. अपने सम्बोधन में उन्होंने इस बात की भी घोषणा की कि पर्यटन विभाग द्वारा इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई कमी नही छोड़ी जाएगी. यहां आने वाले समय में भगवान राम और निषाद राज की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी.
14 करोड़ की लागत से बनेगा उद्यान
इस मौके पर पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि श्रृंगवेरपुर में निषादराज गुह के नाम से 14 करोड़ रुपए के लागत का उद्यान बनाया जाएगा, जिसकी स्वीकृति मिल चुकी है. राष्ट्रीय रामायण मेले के अध्यक्ष बालकृष्ण पांडे ने श्रृंगवेरपुर धाम में चलने वाले इस पांच दिवसीय रामायण मेले में सामाजिक समरसता और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
केवट की भक्ति को दर्शाता है मेला
रामायण मेले के विशिष्ट अतिथि जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि श्रृंगवेरपुर में आयोजित होने वाला रामायण मेला राम और निषाद राज के बीच अद्भुत प्रेम और केवट की भक्ति को दर्शाता है. इससे समाज में सामाजिक समरसता और एकता प्रदर्शित होती है.
पांच दिन चलेगा मेला
बता दें कि पांच दिन तक चलने वाले इस रामायण मेले में तरह-तरह की प्रदर्शनी आयोजित की गई हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. रामायण मेले में कवि सम्मेलन शैक्षिक गोष्ठी वरिष्ठ पत्रकार सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा. रामायण मेले के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की भी आने की संभावना हैं.