प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिता को अपनी मां के साथ अलग रह रहे अपने पुत्र से हर माह के पहले रविवार को 11 से 1 बजे तक दो घंटे पत्नी के आवास पर मिलने देने की अनुमति दी है और कहा कि वह होली दीवाली में भी दो घंटे अपने पुत्र से मुलाकात कर सकता है, जिसमें उसकी पत्नी विपक्षी कोई अवरोध उत्पन्न नहीं करेगी.
याची ने अपने बेटे आदर्श जैन को अपनी पत्नी की निरूद्धि से मुक्त कराने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, किंतु याची पति अभिनव जैन व विपक्षी पत्नी मेघा जैन ने आपसी सहमति से तलाक का केस दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि पुत्र अपनी मां के साथ ही रहेगा और मां ही खर्च उठायेगी.
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इसके आधार पर कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका निस्तारित कर दी और अपने बेटे से मिलने के अधिकार के तहत कोर्ट ने मुलाकात करने की छूट दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा (Justice Anil Kumar Ojha) ने अभिनय जैन की याचिका पर दिया है. याची का यह भी कहना था कि आदर्श जैन उन दोनों का बेटा है किन्तु विपक्षी ने पिता का नाम बदल दिया है. इस पर विपक्षी ने कहा वह सही नाम दर्ज करा देगी.
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