प्रयागराज: अपने मासूम बच्चों से मिलने को तड़प रहे एक पिता ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है. पिता ने अदालत से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर अपने बच्चों से मिलने से ना रोकने का आदेश देने की मांग की है. पति पत्नी के बीच में विवाद होने के बाद फिलहाल बच्चे अपनी मां के साथ अपने नाना नानी के यहां रह रहे हैं. पिता प्रियंक तयाल की याचिका पर न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने सुनवाई की. कोर्ट को बताया गया कि प्रियांक तयाल और सुहानी अग्रवाल की शादी 2011 में हुई थी. उनके दो बच्चे ताशी और तकक्षय हैं.
पति पत्नी के बीच पैदा हुए मतभेद के चलते पत्नी सुहानी अग्रवाल अपने दोनों बच्चों को ले कर अपने माता-पिता के घर मेरठ जाकर के रहने लगी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि बच्चों का पिता और नैसर्गिक अभिभावक होने के बावजूद प्रियांक तयाल को उसके बच्चों से नहीं मिलने दिया जा रहा है. यहां तक कि वीडियो कॉल पर भी उसके बच्चों से उसकी बात नहीं कराई जाती है. बच्चों की मां ने अपने माता पिता की मदद से पूरी तरीके से पहरा बिठा रखा है, जिससे कि पिता अपने बच्चों से ना मिल सके.
कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो मासूम बच्चे माता-पिता के बीच चल रहे विवाद में पिस रहे हैं. नैसर्गिक अभिभावक होने के कारण पिता को बच्चों से पूरी तरीके से अलग नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने एसएचओ और लाल कुर्ती मेरठ को आदेश दिया है कि वह 14 सितंबर 2022 को सुहानी अग्रवाल, अमरीश कुमार गुप्ता और अंजू गुप्ता ( नाना -नानी ) को दोनों बच्चों ताशी वक्त तकक्षय के साथ अदालत के सामने प्रस्तुत करें.