प्रयागराज: पैगंबरे इसलाम की यौम-ए-पैदाइश यानी ईद मिलादुन्ननबी के मौके पर मस्जिदों में महफिलें सजी हैं. मस्जिदों, घरों और गली मोहल्लों में रंगीन झालरों और कुमकुमों से रौनक छाई हुई है. मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में देर रात तक पैगंबर-ए-इस्लाम मोहम्मद मुस्तफा की शान में नाते पाक की गूंज और रौनक देखी जा सकती है.
प्रयागराज खुल्दाबाद की शाही मस्जिद को पैगम्बर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश पर आकर्षक झालरों से सजाई गया. इस दौरान सरकारी गाइड लाइन पर अमल करते हुए ईशा की नमाज के बाद रात नौ बजे शुरू हुए मस्जिद में ईद मिलादुन्नबी की मिलाद, जिसमें नात पाक का नजराना पेश करते हुए मस्जिद के इमाम और उलमाओं ने पैगंबर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश के बारे बताया कि मोहम्मद मुस्तफा ने लोगों के लिए संदेश दे गए कि इंसानियत बड़ा कोई धर्म नहीं होता. उन्होंने कहा कि जैसे आपके घर में भोजन बना है, अगर आपका पड़ोसी भूखा है तो ये जिम्मेदारी है कि पहले भोजन पड़ोसी को दें तब आप भोजन करें. यही इंसानियत है और मोहम्मद साहब का ये भी संदेश है कि हमेशा दूसरों का ख्याल रखे.
शहर के नामचीन मस्जिदों को सजाई गई
दायरा शाह अजमल, बैदन टोला, अटाला, रसूलपूर, सब्जी मण्डी, बरनतला, शाहनूर अलीगंज, दरियाबाद, अकबरपूर, करैली, बहादुरगंज, हटिया, मिनहाजपुर, रानीमण्डी, शाहगंज सहित तमाम मोहल्लों की मस्जिदों में उलेमा अपनी रुहानी तकरीर में फजीलते नबी-ए-पाक की आमद पर तकरीर कर रहे हैं.
वहीं शायर अख्तर अजीज,अनस निजामी, तशना कानपुरी, मोहम्मद मियां निजामी सहित बड़ी संख्या में शामिल नातख्वान नबी-ए-पाक मुरसले आजम, खत्मुल मुरसलीन, आखरी पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा की शान में कसीदे व नात शरीफ पढ़ते हुए दरुद भेज कर महफिल को गुलजार बना रहे हैं.
पैगंबर इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश पर मस्जिदें रोशन, सजी मिलाद की महफिल
यूपी के प्रयागराज जिले में पैगंबर इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश पर मस्जिदों को रोशन किया गया है. शहर की गलियों मस्जिदों को रंगीन लाइटों से सजाया गया है.
प्रयागराज: पैगंबरे इसलाम की यौम-ए-पैदाइश यानी ईद मिलादुन्ननबी के मौके पर मस्जिदों में महफिलें सजी हैं. मस्जिदों, घरों और गली मोहल्लों में रंगीन झालरों और कुमकुमों से रौनक छाई हुई है. मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में देर रात तक पैगंबर-ए-इस्लाम मोहम्मद मुस्तफा की शान में नाते पाक की गूंज और रौनक देखी जा सकती है.
प्रयागराज खुल्दाबाद की शाही मस्जिद को पैगम्बर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश पर आकर्षक झालरों से सजाई गया. इस दौरान सरकारी गाइड लाइन पर अमल करते हुए ईशा की नमाज के बाद रात नौ बजे शुरू हुए मस्जिद में ईद मिलादुन्नबी की मिलाद, जिसमें नात पाक का नजराना पेश करते हुए मस्जिद के इमाम और उलमाओं ने पैगंबर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश के बारे बताया कि मोहम्मद मुस्तफा ने लोगों के लिए संदेश दे गए कि इंसानियत बड़ा कोई धर्म नहीं होता. उन्होंने कहा कि जैसे आपके घर में भोजन बना है, अगर आपका पड़ोसी भूखा है तो ये जिम्मेदारी है कि पहले भोजन पड़ोसी को दें तब आप भोजन करें. यही इंसानियत है और मोहम्मद साहब का ये भी संदेश है कि हमेशा दूसरों का ख्याल रखे.
शहर के नामचीन मस्जिदों को सजाई गई
दायरा शाह अजमल, बैदन टोला, अटाला, रसूलपूर, सब्जी मण्डी, बरनतला, शाहनूर अलीगंज, दरियाबाद, अकबरपूर, करैली, बहादुरगंज, हटिया, मिनहाजपुर, रानीमण्डी, शाहगंज सहित तमाम मोहल्लों की मस्जिदों में उलेमा अपनी रुहानी तकरीर में फजीलते नबी-ए-पाक की आमद पर तकरीर कर रहे हैं.
वहीं शायर अख्तर अजीज,अनस निजामी, तशना कानपुरी, मोहम्मद मियां निजामी सहित बड़ी संख्या में शामिल नातख्वान नबी-ए-पाक मुरसले आजम, खत्मुल मुरसलीन, आखरी पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा की शान में कसीदे व नात शरीफ पढ़ते हुए दरुद भेज कर महफिल को गुलजार बना रहे हैं.