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प्रयागराज में जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का संपर्क टूटा, ग्रामीण नावों के भरोसे

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Published : Aug 20, 2022, 7:39 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 8:02 PM IST

प्रयागराज में गंगा यमुना का जलस्तर (water level of ganga and Yamuna) लगातार बढ़ रहा है. बढ़े हुए जलस्तर की वजह से कई सड़कें डूब गईं हैं और कई गांवों का संपर्क टूट गया है.

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गंगा यमुना का जलस्तर

प्रयागराजः जिले में गंगा यमुना का जलस्तर (water level of ganga and Yamuna) तेज गति से बढ़ रहा है. बढ़ते हुए जलस्तर की वजह से ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ गईं हैं. शहर के गंगापार इलाके के झूंसी से थरवई जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गयी है. बाढ़ की वजह से शहर का कई गांवों से संपर्क टूट गया है. अब शहर जाने के लिए ग्रामीण नावों (boats) का सहारा ले रहे हैं. नावों के ऊपर लोग साइकिल और मोटर साइकिल लेकर रास्ता तय कर रहे हैं.

गंगा यमुना का जलस्तर

पहाड़ी इलाकों(hilly areas) के बाद अब बाढ़ का पानी मैदानी इलाकों की ओर रुख कर चुका है. गंगा यमुना का जल स्तर तेज गति से बढ़ते हुए डेंजर लेवल के करीब पहुंच रहा है. दोनों नदियों का जल बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुसीबतें बढ़ रही हैं. तेजी से बढ़ते हुए जलस्तर की वजह से बदरा सोनौटी इलाके में मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया है. सड़क के साथ ही बाढ़ के इस पानी में सैकड़ो बीघा फसल भी जलमग्न हो गयी है.

गंगापार इलाके के झूंसी से थरवई की तरफ जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. बाढ़ के पानी में सड़क के डूब जाने से उस रास्ते से सफर करने वाले लोग अब अपने सफर को पूरा करने के लिए नाव का भी सहारा ले रहे हैं. नाव से सफर के दौरान इन लोगों को अपनी दोपहिया वाहनों को भी उसी नाव के जरिए लादकर पार करवाना पड़ता है.

नाव पर सवारी के साथ ही दोपहिया गाड़ियों और साइकिल का भी लोगों को किराया देना पड़ रहा है, जिस वजह से ग्रामीणों में स्थानीय प्रशासन के प्रति आक्रोश है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से पानी बढ़ने की कोई सूचना नहीं दी गयी है, जिस वजह से बड़ी संख्या में लोग जलमग्न हुए रास्ते की तरफ से ही सफर कर रहे हैं.

पढ़ेंः गंगा का जलस्तर से तटवर्ती गांव के बाशिंदों की मुश्किलें बढ़ीं, बीमारियों ने घेरा

समय बचाने के लिए लोग ले रहे नाव का सहारा
बाढ़ के पानी से रास्ता बंद होने के बावजूद बदरा, सोनौटी, हेतापट्टी समेत 20 से अधिक गांवों के लोग इसी रास्ते से सफर कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि सड़क डूबने से 40 से ज्यादा गांव के लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत आसपास के गांव वालों का है. इस रास्ते के बंद होने के बाद दूसरे वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने पर 30 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ेगा.

इसी लंबी दूरी के सफर को बचाने के लिए लोग जान जोखिम में डालकर नाव से सफर कर रहे हैं. नाव वालों द्वारा लिए जा रहे किराए को लेकर लोगों में नाराजगी है. उनका कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से लोगों के सफर के लिए निशुल्क नाव की व्यवस्था की जानी चाहिए.

खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही हैं गंगा यमुना
संगम नगरी में गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर तेज गति से बढ़ रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो सोमवार तक गंगा यमुना खतरे के निशान तक पहुंच सकती है. प्रयागराज में 84.73 मीटर दोनों नदियों का डेंजर लेवल है.

शनिवार की शाम 4 बजे तक फाफामऊ में गंगा 82.57 मीटर, छतनाग में 81.84 मीटर तक हैं, जबकि नैनी में यमुना(Yamuna in Naini) 82.44 मीटर तक पहुंच चुकी है. गंगा और यमुना चार से पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डेंजर लेवल की ओर बढ़ रही है. इसी रफ्तार से पानी बढ़ता रहा तो सोमवार को नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच जाएगा.

बैंक में घुसा बरसात का पानी
संगम नगरी प्रयागराज में शनिवार को हुई तेज बरसात ने एक बार फिर नगर निगम के दावों की पोल खोल दी. दोपहर के वक्त हुई तेज बरसात से नैनी इलाके में स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच के अंदर चारों तरफ पानी भर गया. बैंककर्मी पानी बाहर निकालने में जुट गए. घंटो की कड़ी मेहनत के बाद बैंक के अंदर भरे पानी को बाहर निकाला गया, लेकिन झमाझम हुई बरसात ने नगर निगम के नाला सफाई के तमाम दावों को हवा निकाल दी.

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बैंक में घुसा बरसात का पानी

पढ़ेंः मणिकर्णिका घाट की गलियों में भरा गंगा का पानी, महाश्मशान पर दाह संस्कार के लिए वेटिंग

नगर निगम की तरफ से बरसात के पहले से ही इस तरह के दावे किए गए थे कि सभी नालों की सफाई की जा चुकी है, लेकिन घंटे भर की तेज बरसात से चोक हुए नालों ने साबित कर दिया कि नगर निगम की तरफ से नाला सफाई का दावा तो किया गया है लेकिन सफाई इस तरह से नहीं की गई है. इसी वजह से घंटे भर की बरसात ने उनके दावों की हवा निकाल दी.

पढ़ेंः प्रयागराज में गंगा यमुना का जल स्तर बढ़ा, निचले इलाकों में बने घर डूबे

प्रयागराजः जिले में गंगा यमुना का जलस्तर (water level of ganga and Yamuna) तेज गति से बढ़ रहा है. बढ़ते हुए जलस्तर की वजह से ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ गईं हैं. शहर के गंगापार इलाके के झूंसी से थरवई जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गयी है. बाढ़ की वजह से शहर का कई गांवों से संपर्क टूट गया है. अब शहर जाने के लिए ग्रामीण नावों (boats) का सहारा ले रहे हैं. नावों के ऊपर लोग साइकिल और मोटर साइकिल लेकर रास्ता तय कर रहे हैं.

गंगा यमुना का जलस्तर

पहाड़ी इलाकों(hilly areas) के बाद अब बाढ़ का पानी मैदानी इलाकों की ओर रुख कर चुका है. गंगा यमुना का जल स्तर तेज गति से बढ़ते हुए डेंजर लेवल के करीब पहुंच रहा है. दोनों नदियों का जल बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुसीबतें बढ़ रही हैं. तेजी से बढ़ते हुए जलस्तर की वजह से बदरा सोनौटी इलाके में मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया है. सड़क के साथ ही बाढ़ के इस पानी में सैकड़ो बीघा फसल भी जलमग्न हो गयी है.

गंगापार इलाके के झूंसी से थरवई की तरफ जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. बाढ़ के पानी में सड़क के डूब जाने से उस रास्ते से सफर करने वाले लोग अब अपने सफर को पूरा करने के लिए नाव का भी सहारा ले रहे हैं. नाव से सफर के दौरान इन लोगों को अपनी दोपहिया वाहनों को भी उसी नाव के जरिए लादकर पार करवाना पड़ता है.

नाव पर सवारी के साथ ही दोपहिया गाड़ियों और साइकिल का भी लोगों को किराया देना पड़ रहा है, जिस वजह से ग्रामीणों में स्थानीय प्रशासन के प्रति आक्रोश है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से पानी बढ़ने की कोई सूचना नहीं दी गयी है, जिस वजह से बड़ी संख्या में लोग जलमग्न हुए रास्ते की तरफ से ही सफर कर रहे हैं.

पढ़ेंः गंगा का जलस्तर से तटवर्ती गांव के बाशिंदों की मुश्किलें बढ़ीं, बीमारियों ने घेरा

समय बचाने के लिए लोग ले रहे नाव का सहारा
बाढ़ के पानी से रास्ता बंद होने के बावजूद बदरा, सोनौटी, हेतापट्टी समेत 20 से अधिक गांवों के लोग इसी रास्ते से सफर कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि सड़क डूबने से 40 से ज्यादा गांव के लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत आसपास के गांव वालों का है. इस रास्ते के बंद होने के बाद दूसरे वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने पर 30 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ेगा.

इसी लंबी दूरी के सफर को बचाने के लिए लोग जान जोखिम में डालकर नाव से सफर कर रहे हैं. नाव वालों द्वारा लिए जा रहे किराए को लेकर लोगों में नाराजगी है. उनका कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से लोगों के सफर के लिए निशुल्क नाव की व्यवस्था की जानी चाहिए.

खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही हैं गंगा यमुना
संगम नगरी में गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर तेज गति से बढ़ रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो सोमवार तक गंगा यमुना खतरे के निशान तक पहुंच सकती है. प्रयागराज में 84.73 मीटर दोनों नदियों का डेंजर लेवल है.

शनिवार की शाम 4 बजे तक फाफामऊ में गंगा 82.57 मीटर, छतनाग में 81.84 मीटर तक हैं, जबकि नैनी में यमुना(Yamuna in Naini) 82.44 मीटर तक पहुंच चुकी है. गंगा और यमुना चार से पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डेंजर लेवल की ओर बढ़ रही है. इसी रफ्तार से पानी बढ़ता रहा तो सोमवार को नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच जाएगा.

बैंक में घुसा बरसात का पानी
संगम नगरी प्रयागराज में शनिवार को हुई तेज बरसात ने एक बार फिर नगर निगम के दावों की पोल खोल दी. दोपहर के वक्त हुई तेज बरसात से नैनी इलाके में स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच के अंदर चारों तरफ पानी भर गया. बैंककर्मी पानी बाहर निकालने में जुट गए. घंटो की कड़ी मेहनत के बाद बैंक के अंदर भरे पानी को बाहर निकाला गया, लेकिन झमाझम हुई बरसात ने नगर निगम के नाला सफाई के तमाम दावों को हवा निकाल दी.

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बैंक में घुसा बरसात का पानी

पढ़ेंः मणिकर्णिका घाट की गलियों में भरा गंगा का पानी, महाश्मशान पर दाह संस्कार के लिए वेटिंग

नगर निगम की तरफ से बरसात के पहले से ही इस तरह के दावे किए गए थे कि सभी नालों की सफाई की जा चुकी है, लेकिन घंटे भर की तेज बरसात से चोक हुए नालों ने साबित कर दिया कि नगर निगम की तरफ से नाला सफाई का दावा तो किया गया है लेकिन सफाई इस तरह से नहीं की गई है. इसी वजह से घंटे भर की बरसात ने उनके दावों की हवा निकाल दी.

पढ़ेंः प्रयागराज में गंगा यमुना का जल स्तर बढ़ा, निचले इलाकों में बने घर डूबे

Last Updated : Aug 20, 2022, 8:02 PM IST
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