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प्रयागराज: ग्रहण के बाद संगम पर दिखा माघ मेले जैसा नजारा, लगाई गई आस्था की डुबकी

यूपी के प्रयागराज में सूर्य ग्रहण के बाद स्नान कर पुण्य अर्जित करने के लिए संगम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान भीड़ के कारण मेले जैसी स्थिति बन गई थी. हालांकि प्रशासन ने इस भीड़ से निपटने के लिए पहले से ही तैयारियां कर रखी थी.

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Published : Jun 21, 2020, 7:59 PM IST

लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी.
लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी.

प्रयागराज: संगमनगरी में त्रिवेणी संगम पर रविवार को माघ मेले जैसी भीड़ दिखी. यहां दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे सूर्य ग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई. मान्यता है कि ग्रहण के बाद संगम में डुबकी लगाने से विशेष पुण्य अर्जित होता है. इसके साथ ही ग्रह के संकट से भी मुक्ति मिलती है.

प्रशासन ने की थी पहले से ही तैयारियां

संगम क्षेत्र में ग्रहण के बाद स्नान के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से जोर-शोर से तैयारियां की गई थीं. संगम घाट सहित रामघाट, दशाश्वमेध घाट, वीआईपी घाट और किला घाट पर श्रद्धाळुओं के स्नान के लिए साफ सफाई और अन्य इंतजाम किए गए थे. हालांकि बरसात के कारण घाटों पर कई जगह कटान जैसी स्थिति थी, लेकिन वहां पर जल पुलिस की मौजूदगी में लोगों को बराबर दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे.

माघ मेले जैसा दिखा नजारा.

लगाई गई थी बैरीकेटिंग

भीड़ को देखते हुए संगम मार्ग पर जगह-जगह बैरिकेटिंग की व्यवस्था की गई थी. इतना ही नहीं यातायात पुलिस को भी तैनात किया गया था. इसके साथ ही संगम घाट पर जिला प्रशासन के द्वारा दो गाड़ी पीएसी बुलाकर घाटों पर तैनात कर दी गई थी जिससे किसी तरह की दुर्घटना न हो. इसके साथ ही साथ घाटों पर गोताखोरों की भी तैनाती की गई थी.

एडीएम ने दी जानकारी

एडीएम प्रशासन और प्रभारी मेला अधिकारी रजनीश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रहण के बाद होने वाले स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने 1 दिन पहले से ही इंतजाम कर लिए थे. इसके मद्देनजर संगम क्षेत्र में नगर निगम के माध्यम से घाटों पर साफ-सफाई और मार्गों पर जगह-जगह बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी. मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों की भीड़ न बढ़ने पाए इसके लिए परेड ग्राउंड में पार्किंग की भी व्यवस्था की गई थी.

प्रयागराज: संगमनगरी में त्रिवेणी संगम पर रविवार को माघ मेले जैसी भीड़ दिखी. यहां दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे सूर्य ग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई. मान्यता है कि ग्रहण के बाद संगम में डुबकी लगाने से विशेष पुण्य अर्जित होता है. इसके साथ ही ग्रह के संकट से भी मुक्ति मिलती है.

प्रशासन ने की थी पहले से ही तैयारियां

संगम क्षेत्र में ग्रहण के बाद स्नान के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से जोर-शोर से तैयारियां की गई थीं. संगम घाट सहित रामघाट, दशाश्वमेध घाट, वीआईपी घाट और किला घाट पर श्रद्धाळुओं के स्नान के लिए साफ सफाई और अन्य इंतजाम किए गए थे. हालांकि बरसात के कारण घाटों पर कई जगह कटान जैसी स्थिति थी, लेकिन वहां पर जल पुलिस की मौजूदगी में लोगों को बराबर दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे.

माघ मेले जैसा दिखा नजारा.

लगाई गई थी बैरीकेटिंग

भीड़ को देखते हुए संगम मार्ग पर जगह-जगह बैरिकेटिंग की व्यवस्था की गई थी. इतना ही नहीं यातायात पुलिस को भी तैनात किया गया था. इसके साथ ही संगम घाट पर जिला प्रशासन के द्वारा दो गाड़ी पीएसी बुलाकर घाटों पर तैनात कर दी गई थी जिससे किसी तरह की दुर्घटना न हो. इसके साथ ही साथ घाटों पर गोताखोरों की भी तैनाती की गई थी.

एडीएम ने दी जानकारी

एडीएम प्रशासन और प्रभारी मेला अधिकारी रजनीश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रहण के बाद होने वाले स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने 1 दिन पहले से ही इंतजाम कर लिए थे. इसके मद्देनजर संगम क्षेत्र में नगर निगम के माध्यम से घाटों पर साफ-सफाई और मार्गों पर जगह-जगह बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी. मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों की भीड़ न बढ़ने पाए इसके लिए परेड ग्राउंड में पार्किंग की भी व्यवस्था की गई थी.

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