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गंगा दशहरा: गंगा में डुबकी लगाकर मांगी समृद्धि, त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का लगा जमघट

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Published : Jun 9, 2022, 8:44 AM IST

Updated : Jun 9, 2022, 9:55 AM IST

प्रयागराज में गंगा दशहरा के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पवित्र गंगा नदी में स्नान किया. त्रिवेणी संगम तट पर गंगा में डुबकी लगाने के बाद पूजन किया और समृद्धि की कामना की.

गंगा दशहरा
गंगा दशहरा

प्रयागराज: आज गुरुवार को गंगा दशहरा है. पौराणिक मान्यता के अनुरूप जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. जाने अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति के लिए इस पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं. इसी कड़ी में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और स्नान करने के बाद पूजन किया.


गंगा दशहरा के मौके पर प्रयागराज त्रिवेणी संगम तट सहित अन्य सभी प्रमुख घाटों पर देर रात से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. गंगा तट पर पुण्य की कामना से श्रद्धालु स्नान-दान और पूजन करते नजर आए. त्रिवेणी संगम सहित रामघाट दारागंज वह वीआईपी घाट पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते नजर आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए घाटों पर पुलिस बल तैनात किए गए थे. गंगा दशहरे के पावन पर्व पर प्रयागराज सहित आसपास के राज्यों से भी लोगों ने आकर के गंगा में आस्था की डुबकी लगाई.

गंगा दशहरा पर त्रिवेणी संगम पर स्नान और पूजन करते श्रद्धालु.
पुराणों के अनुसार भगीरथी की तपस्या के बाद जब गंगा माता जिस तिथि धरती पर आई थीं वह तिथि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी थी. गंगा माता के धरती पर अवतरण के दिन को ही गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है. इस दिन गंगा नदी में खड़े होकर जो गंगा स्तोत्र पढ़ता है. वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है.

स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्रोत के बारे में बताया गया है. अगर आप गंगा नदीं नहीं जा पा रहे हैं तो आप घर के पास किसी नदी या तालाब में गंगा मां का ध्यान करते हुए स्नान कर सकते हैं यदि वह भी संभव ना हो तो अपने घर के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. गंगा जी का ध्यान करते हुए षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए. इसके बाद इस मंत्र का जाप करना चाहिए.

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प्रयागराज: आज गुरुवार को गंगा दशहरा है. पौराणिक मान्यता के अनुरूप जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. जाने अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति के लिए इस पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं. इसी कड़ी में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और स्नान करने के बाद पूजन किया.


गंगा दशहरा के मौके पर प्रयागराज त्रिवेणी संगम तट सहित अन्य सभी प्रमुख घाटों पर देर रात से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. गंगा तट पर पुण्य की कामना से श्रद्धालु स्नान-दान और पूजन करते नजर आए. त्रिवेणी संगम सहित रामघाट दारागंज वह वीआईपी घाट पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते नजर आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए घाटों पर पुलिस बल तैनात किए गए थे. गंगा दशहरे के पावन पर्व पर प्रयागराज सहित आसपास के राज्यों से भी लोगों ने आकर के गंगा में आस्था की डुबकी लगाई.

गंगा दशहरा पर त्रिवेणी संगम पर स्नान और पूजन करते श्रद्धालु.
पुराणों के अनुसार भगीरथी की तपस्या के बाद जब गंगा माता जिस तिथि धरती पर आई थीं वह तिथि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी थी. गंगा माता के धरती पर अवतरण के दिन को ही गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है. इस दिन गंगा नदी में खड़े होकर जो गंगा स्तोत्र पढ़ता है. वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है.

स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्रोत के बारे में बताया गया है. अगर आप गंगा नदीं नहीं जा पा रहे हैं तो आप घर के पास किसी नदी या तालाब में गंगा मां का ध्यान करते हुए स्नान कर सकते हैं यदि वह भी संभव ना हो तो अपने घर के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. गंगा जी का ध्यान करते हुए षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए. इसके बाद इस मंत्र का जाप करना चाहिए.

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Last Updated : Jun 9, 2022, 9:55 AM IST
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