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प्रयागराज: पुरुषोत्तम मास के पहले दिन जलाभिषेक करने मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पुरुषोत्तम मास यानी अधिक मास के पहले दिन शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में आने लगे थे. 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चलने वाले मलमास माह के मद्देनजर सभी शिव मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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Published : Sep 18, 2020, 6:59 PM IST

jalabhishek in shiv temple in prayagraj
पुरुषोत्तम मास के पहले दिन प्रयागराज में शिव मंदिर

प्रयागराज: वैसे तो पितृ पक्ष के समाप्ति के अगले ही दिन से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो जाता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है. इस साल मलमास की वजह से शारदीय नवरात्र अब अगले माह में पड़ेगा. मलमास या अधिक मास तीन साल में चंद्रमा और सूर्य के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए आता है, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.

जलाभिषेक करने मंदिरो में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

मलमास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान भगवान विष्णु और शिव का पूजन का विशेष महत्व होता है. ऐसा करने से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है.

आस्था और आध्यात्म को आत्मसात करने वाले भगवान विष्णु और शिव के भक्त इन दिनों शिव मंदिरों में जाकर जलाभिषेक करते हैं. मलमास की शुरुआत हो जाने के बाद शुक्रवार को प्रयागराज के पांडेश्वर महादेव, मनकामेश्वर महादेव व अन्य शिव मंदिरों में सुबह से ही जल अभिषेक करने का सिलसिला अनवरत जारी है.

jalabhishek in shiv temple in prayagraj
जलाभिषेक करते श्रद्धालु.

मलमास के दौरान पांडेश्वर महादेव में शुक्रवार भोर में 4 बजे से ही जल अभिषेक होना शुरू हो गया था. मलमास के मद्देनजर मंदिर में पुजारी के द्वारा कोरोना से बचाव के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क लगाकर व सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए जलाभिषेक करने का आग्रह किया गया था.

ये भी पढ़ें: प्रयागराज: मुगल म्यूजियम का नाम बदलने के फैसले का अखाड़ा परिषद ने किया समर्थन

बता दें कि 3 साल के बाद पड़ने वाले मलमास में इस साल 15 दिन दुर्लभ शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें धार्मिक कार्य करना अत्यंत फलदाई होगा. मनोरथ पूर्ण व सर्व कल्याण के लिए श्रद्धालु सूर्योदय से पहले इन दिनों शिव मंदिर में जाकर जल अभिषेक करते हैं, जिससे उन्हें अभी सफल प्राप्त हो सके. 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चलने वाले मलमास माह के मद्देनजर सभी शिव मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

प्रयागराज: वैसे तो पितृ पक्ष के समाप्ति के अगले ही दिन से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो जाता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है. इस साल मलमास की वजह से शारदीय नवरात्र अब अगले माह में पड़ेगा. मलमास या अधिक मास तीन साल में चंद्रमा और सूर्य के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए आता है, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.

जलाभिषेक करने मंदिरो में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

मलमास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान भगवान विष्णु और शिव का पूजन का विशेष महत्व होता है. ऐसा करने से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है.

आस्था और आध्यात्म को आत्मसात करने वाले भगवान विष्णु और शिव के भक्त इन दिनों शिव मंदिरों में जाकर जलाभिषेक करते हैं. मलमास की शुरुआत हो जाने के बाद शुक्रवार को प्रयागराज के पांडेश्वर महादेव, मनकामेश्वर महादेव व अन्य शिव मंदिरों में सुबह से ही जल अभिषेक करने का सिलसिला अनवरत जारी है.

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जलाभिषेक करते श्रद्धालु.

मलमास के दौरान पांडेश्वर महादेव में शुक्रवार भोर में 4 बजे से ही जल अभिषेक होना शुरू हो गया था. मलमास के मद्देनजर मंदिर में पुजारी के द्वारा कोरोना से बचाव के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क लगाकर व सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए जलाभिषेक करने का आग्रह किया गया था.

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बता दें कि 3 साल के बाद पड़ने वाले मलमास में इस साल 15 दिन दुर्लभ शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें धार्मिक कार्य करना अत्यंत फलदाई होगा. मनोरथ पूर्ण व सर्व कल्याण के लिए श्रद्धालु सूर्योदय से पहले इन दिनों शिव मंदिर में जाकर जल अभिषेक करते हैं, जिससे उन्हें अभी सफल प्राप्त हो सके. 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चलने वाले मलमास माह के मद्देनजर सभी शिव मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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