ETV Bharat / state

प्रयागराज: लेटे हुए हनुमानजी की गजब है महिमा, दर्शन को देश -विदेश से आते हैं श्रद्धालु

हनुमान जयंती के अवसर पर प्रयागराज में लेटे हुए हनुमानजी के मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. स्थानियों के साथ देश-विदेश से भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं.

प्रयागराज: लेटे हुए हनुमानजी
author img

By

Published : Apr 19, 2019, 3:27 PM IST

प्रयागराज : आज के दिन पूरे देश मे हनुमान जयंती पूरे धूमधाम से मनाई जा रही है. हर कोई हनुमानजी के मंदिर जा जाकर भगवान के दर्शन कर रहा हैं. प्रायगराज जनपद में स्थित लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है. इस दिन हनुमानजी के दर्शन करने से भक्तों की मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि मंदिर की महिमा देश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व मे फैली हुई है. यहां दर्शन करने के लिए देश से ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं.

लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन को देश -विदेश से आते हैं श्रद्धालु
दर्शन करने से होती है मनोकामना पूर्ण
महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि लेटे हुए हनुमानजी की महिमा पूरे विश्व मे फैली हुई है. इसलिए यहां पूरे देश श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर का इतिहास लगभग तीन सौ साल पुराना है. यहां की खास बात यह है कि मंदिर में भगवान की मूर्ति किसी ने स्थापित नहीं की है, बल्कि यहां भगवान स्वयं से स्थापित हुए है. महंत कहते है कि इस आराम स्वरूप मुद्रा में हनुमानजी का मंदिर सिर्फ प्रायगराज में ही स्थित है.

देश विदेश से आते हैं श्रद्धालु
महंत का कहना है कि हनुमानजी के जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में विशेष रूप से पूजा पाठ की जाती है. भगवान को सुबह दुग्धाभिषेक करने के बाद विशेष रूप से सजाया जाता है. इसके साथ शाम 4 बजे मंदिर के विशेष महंत के द्वारा आरती की जाती है. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर मंदिर को मुख्य रूप से सजाया जाता है. साथ ही साथ हनुमानजी की प्रतिमा का सोने के आभूषण से श्रृंगार किया जाता है.

तीन सौ पुराना है मंदिर का इतिहास
महंत नरेंद्र गिरी बताते है कि मंदिर का इतिहास तीन सौ साल से भी अधिक का है. मंदिर के अंदर हनुमान की प्रतिमा को स्थापित नहीं किया गया है, बल्कि भू-गर्व से भगवान हुनमान की प्रतिमा निकली है और यहां हनुमान जी की पूजा पाठ आराध्य काल से हो रही है.

प्रयागराज : आज के दिन पूरे देश मे हनुमान जयंती पूरे धूमधाम से मनाई जा रही है. हर कोई हनुमानजी के मंदिर जा जाकर भगवान के दर्शन कर रहा हैं. प्रायगराज जनपद में स्थित लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है. इस दिन हनुमानजी के दर्शन करने से भक्तों की मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि मंदिर की महिमा देश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व मे फैली हुई है. यहां दर्शन करने के लिए देश से ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं.

लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन को देश -विदेश से आते हैं श्रद्धालु
दर्शन करने से होती है मनोकामना पूर्ण
महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि लेटे हुए हनुमानजी की महिमा पूरे विश्व मे फैली हुई है. इसलिए यहां पूरे देश श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर का इतिहास लगभग तीन सौ साल पुराना है. यहां की खास बात यह है कि मंदिर में भगवान की मूर्ति किसी ने स्थापित नहीं की है, बल्कि यहां भगवान स्वयं से स्थापित हुए है. महंत कहते है कि इस आराम स्वरूप मुद्रा में हनुमानजी का मंदिर सिर्फ प्रायगराज में ही स्थित है.

देश विदेश से आते हैं श्रद्धालु
महंत का कहना है कि हनुमानजी के जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में विशेष रूप से पूजा पाठ की जाती है. भगवान को सुबह दुग्धाभिषेक करने के बाद विशेष रूप से सजाया जाता है. इसके साथ शाम 4 बजे मंदिर के विशेष महंत के द्वारा आरती की जाती है. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर मंदिर को मुख्य रूप से सजाया जाता है. साथ ही साथ हनुमानजी की प्रतिमा का सोने के आभूषण से श्रृंगार किया जाता है.

तीन सौ पुराना है मंदिर का इतिहास
महंत नरेंद्र गिरी बताते है कि मंदिर का इतिहास तीन सौ साल से भी अधिक का है. मंदिर के अंदर हनुमान की प्रतिमा को स्थापित नहीं किया गया है, बल्कि भू-गर्व से भगवान हुनमान की प्रतिमा निकली है और यहां हनुमान जी की पूजा पाठ आराध्य काल से हो रही है.

Intro:प्रायगराज: लेटे हुए हनुमानजी का पूरे विश्व में फैली है महिमा, दर्शन के लिए आते हैं देश -विदेश से श्रद्धालु

7000668169

प्रायगराज: आज के दिन पूरे देश मे हनुमान जयंती पूरे धूमधाम से मनाई जा रही है. हर कोई हनुमानजी के मंदिर जा जाकर भगवान के दर्शन कर रहे हैं. प्रायगराज जनपद में स्थित लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है. इस दिन हनुमानजी के दर्शन करने से भक्तों की मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है.अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि मंदिर की महिमा देश मे नहीं बल्कि पूरे विश्व मे फैली हुई है. यहां दर्शन करने के लिए देश से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं.



Body:दर्शन करने से होती है मनोकामना पूर्ण

महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि लेटे हुए हनुमानजी की महिमा पूरे विश्व मे फैली हुई है. इसलिए यहां पूरे देश श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है लगभग तीन सौ साल पुराना. मंदिर में भगवान की मूर्ति किसी ने स्थापित नहीं किया है बल्कि यहां भगवान स्वयं से स्थापित हुए है. महंत कहते है कि इस आराम स्वरूप करते मुद्रा में हनुमानजी की मंदिर सिर्फ प्रायगराज में ही स्थित है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि मंदिर की महिमा देश मे नहीं बल्कि पूरे विश्व मे फैली हुई है. यहां दर्शन करने के लिए देश से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं.


देश विदेश से आते हैं श्रद्धालु

महंत का कहना है कि हनुमानजी के जन्मउत्सव इस अवसर पर मंदिर में विशेष रूप से पूजा पाठ की गई है. भगवान को सुबह दुग्धाभिषेक करने के बाद विशेष रूप से सजावट की गई है. इसके साथ शाम 4 बजे मंदिर के विशेष महंत के द्वारा आरती की जाएगी. देश-विदेश आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर मंदिर को मुख्य रूप से सजाया जाता है. साथ ही साथ हनुमानजी की प्रतिमा को सोने के आभूषण से श्रृंगार किया जाता है.





Conclusion:तीन सौ पुराना है मंदिर का इतिहास

महंत नरेंद्र गिरी बताते है कि तीन सौ साल से अधिक है मंदिर का इतिहास. मंदिर के अंदर हनुमान की प्रतिमा को स्थापित नहीं किया गया है बल्कि भू-गर्व से भगवान हुनमान की प्रतिमा निकली हुई है. हनुमानजी की पूजा पाठ आराध्य काल से हो रही है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.