प्रयागराज: शृंगवेरपुर धाम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह प्रतिमा भगवान श्रीराम और निषादराज गुह की मित्रता और प्रेम के भाव को भी प्रदर्शित करेगी. उन्होंने कहा कि शृंगवेरपुर धाम को राम वन गमन मार्ग से जोड़ा गया है, इसलिए गंगा पर विश्वस्तरीय चार लेन के पुल का भी जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा.
उन्होंने कहा कि निषादराज की धरती को विश्वपटल पर लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है. प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विश्वास की नीति के साथ कार्य करती है. जातिवाद की राजनीति से दूर होकर जनता के हित के कार्य किए जा रहे हैं, जिसका परिणाम शृंगवेरपुर में देखने को मिल रहा है. इस मौके पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शृंगवेरपुर में लोक निर्माण विभाग की 20 करोड़ लागत की 17 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया. यहां पर 26 बीघे में सुसज्जित पार्क तैयार किया जा रहा है. उन्होंने यूपी के इंजीनियरिंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का भी शिलान्यास किया जो कि शृंगवेरपुर धाम में बनकर तैयार होगा. इस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए यूपी सरकार ने नौ करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है.
दशरथ ने किया था यज्ञ, राम-लक्ष्मण, सीता को केवट ने पार कराई थी गंगा
प्रदेश सरकार अयोध्या के साथ पुरुषोत्तम श्रीराम से जुड़े अन्य पौराणिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में जुट गई है. इसी कड़ी में प्रयागराज के शृंगवेरपुर धाम को विकसित किया जा रहा है. मान्यता है कि राजा दशरथ ने शृंगवेरपुर में ही श्रृंगी ऋषि से पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था. इस यज्ञ की हवि को ही दशरथ ने तीनों रानियों को खिलाया था. रामायण और पुराणों के मुताबिक शृंगवेरपुर में हुए इस पुत्रेष्टि यज्ञ और इसके संकल्प की पूर्ति के लिए श्रृंगी ऋषि द्वारा किए गए त्याग की वजह से ही राजा दशरथ के यहां ब्रह्म रुपी भगवान श्रीराम सहित चार पुत्रों का जन्म हुआ था. यहीं निषादराज ने राम-लक्ष्मण और सीता को अपनी नाव से सबसे पहले गंगा नदी पार कराई थी. लंका दहन और रावण वध के बाद भगवान राम का पुष्पक विमान सबसे पहले यहीं उतरा था. भगवान राम की बहन देवी शांता उर्फ़ आनंदी मैया का ब्याह यहीं श्रृंगी ऋषि के साथ हुआ था. श्रृंगी ऋषि और देवी शांता का यहां भव्य मंदिर भी है. इन्ही मान्यतों के कारण यह स्थान भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है.