प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रित नियमावली के तहत मृत कर्मचारी का आश्रित को उस पद पर नियुक्ति पाने का अधिकार है जिस पद पर मृतक कर्मचारी कार्य करता रहा है. बशर्ते आश्रित उस पद के लिए सभी योग्यताएं रखता हो. कोर्ट ने जिला न्यायालय आगरा में कार्यरत निजी सहायक के आश्रित को तृतीय श्रेणी के पद पर उसकी योग्यता अनुसार नियुक्ति देने का निर्देश दिया है.
आगरा के अभिषेक मिश्रा की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने दिया. याची का कहना था कि उसके पिता आज जिला न्यायालय आगरा में निजी सहायक के पद पर कार्यरत थे, सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई. याची ने मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति देने के लिए आवेदन किया. जिला जज आगरा ने उसके आवेदन पर कंसलटेटिव कमिटी से रिपोर्ट मांगी.
कंसलटेटिव कमेटी ने 22 फरवरी 2022 को अपनी रिपोर्ट दी. जिसके आधार पर जिला जज ने याची को चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति के लिए प्रस्ताव दिया. इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. उसका कहना था कि वह तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्त होने की सभी योग्यताएं रखता है इसके बावजूद उसे चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दी जा रही है. कंसलटेटिव कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि याची के पास न तो ट्रिपल सी का सर्टिफिकेट है, न ही हिंदी और अंग्रेजी में टाइपिंग योग्यता का कोई प्रमाण पत्र उसने दिया है. याची ने उर्दू में विशेष योग्यता का भी कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया है. इस आधार पर उसे तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति हेतु योग्य नहीं पाया गया.
जबकि याची का कहना था कि उसके पास कंप्यूटर में एमसीए की डिग्री है. इसके अलावा हिंदी और अंग्रेजी में टाइपिंग तथा उर्दू में विशेष योग्यता का अनुभव भी रखता है. क्योंकि उससे यह दस्तावेज मांगे नहीं गए थे इसलिए उसने आवेदन के साथ इन दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं किया. याची का कहना था कि वह इन दस्तावेजों को प्रस्तुत कर सकता है, यदि उसके मामले में पुनर्विचार किया जाए. याची के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित सुनील कुमार वर्सेस स्टेट ऑफ यूपी के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि याची उसी पद पर नियुक्ति पाने का अधिकार रखता है, जिस पद पर उसके पिता कार्यरत थे क्योंकि वह उस पद के लिए योग्यता रखता है.
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कोर्ट ने कंसलटेटिव कमेटी व जिला जज आगरा के आदेश को रद्द करते हुए निर्देश दिया है कि याची से विस्तृत प्रत्यावेदन लिया जाए जिसमें वह निर्धारित सभी योग्यताओं का प्रमाण पत्र देगा. यदि उसे योग्य पाया जाता है तो उसके पक्ष में नियम अनुसार निर्णय लिया जाए.
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