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प्रयागराज: फेक खबर रोकने के लिए उठी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाए जाने की मांग

कांस्टीट्यूशनल एण्ड सोशल रिफॉर्म के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी ने कहा है कि सोशल मीडिया में फेक न्यूज डालकर देश में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए केन्द्र सरकार को सूचना तकनीकी कानून मे बदलाव करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाए जो देश विरोधी फर्जी खबर को चिन्हित कर मीडिया में फैलने से रोकने का काम कर सके.

प्रयागराज समाचार.
सोशल मीडिया.
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Published : Jun 20, 2020, 12:37 AM IST

प्रयागराज: कांस्टीट्यूशनल एण्ड सोशल रिफॉर्म के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी ने कहा है कि सोशल मीडिया में फेक न्यूज डालकर देश में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए केन्द्र सरकार को सूचना तकनीकी कानून मे बदलाव करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक निगरानी तंत्र बैठाया जाए, जो सोशल मीडिया के आपत्तिजनक पोस्ट की सत्यता की जांच करे. फर्जी खबर प्रतिबंधित कर सके. दंडात्मक कानूनी कार्रवाई करने का उसे अधिकार दिया जाए.

एएन त्रिपाठी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रतिबंधों के अधीन केवल नागरिकों को प्राप्त है. सोशल मीडिया में विश्वभर की गलत-सही सारी सूचनाएं आ रही हैं. लोग बिना सत्यापन किये सूचनाओं को फॉरवर्ड कर देश की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहे हैं. इसपर रोक लगनी चाहिए. ऐसी फर्जी प्लान्टेड खबरें आम लोगों के मन में बैठ जाती हैं, जो जनतंत्र के लिए घातक है.

उन्होंने कहा कि एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाए जो देश विरोधी फर्जी खबर को चिन्हित कर मीडिया में फैलने से रोकने का काम कर सके. सूचना तकनीकी कानून में बदलाव कर यह व्यवस्था की जाए. अभी तक फर्जी खबर के लिए दंड की व्यवस्था है. खबर को रोकने का अधिकार नहीं है. यह अधिकार अथॉरिटी को देना जनतंत्र और देशहित में है. उन्होंने मीडिया में बैठकर एक व्यक्ति अपनी अधकचरी राय को देश की राय बताकर जनता को गुमराह करता है. इस प्रवृत्ति पर भी रोक लगनी चाहिए.

प्रयागराज: कांस्टीट्यूशनल एण्ड सोशल रिफॉर्म के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी ने कहा है कि सोशल मीडिया में फेक न्यूज डालकर देश में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए केन्द्र सरकार को सूचना तकनीकी कानून मे बदलाव करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक निगरानी तंत्र बैठाया जाए, जो सोशल मीडिया के आपत्तिजनक पोस्ट की सत्यता की जांच करे. फर्जी खबर प्रतिबंधित कर सके. दंडात्मक कानूनी कार्रवाई करने का उसे अधिकार दिया जाए.

एएन त्रिपाठी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रतिबंधों के अधीन केवल नागरिकों को प्राप्त है. सोशल मीडिया में विश्वभर की गलत-सही सारी सूचनाएं आ रही हैं. लोग बिना सत्यापन किये सूचनाओं को फॉरवर्ड कर देश की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहे हैं. इसपर रोक लगनी चाहिए. ऐसी फर्जी प्लान्टेड खबरें आम लोगों के मन में बैठ जाती हैं, जो जनतंत्र के लिए घातक है.

उन्होंने कहा कि एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाए जो देश विरोधी फर्जी खबर को चिन्हित कर मीडिया में फैलने से रोकने का काम कर सके. सूचना तकनीकी कानून में बदलाव कर यह व्यवस्था की जाए. अभी तक फर्जी खबर के लिए दंड की व्यवस्था है. खबर को रोकने का अधिकार नहीं है. यह अधिकार अथॉरिटी को देना जनतंत्र और देशहित में है. उन्होंने मीडिया में बैठकर एक व्यक्ति अपनी अधकचरी राय को देश की राय बताकर जनता को गुमराह करता है. इस प्रवृत्ति पर भी रोक लगनी चाहिए.

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