प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के खिलाफ शाहजहांपुर में शिष्या से रेप केस (rape case filed against Swami Chinmayanand) को वापस लेने के राज्य सरकार के निर्णय पर चार-पांच दिन में आदेश सुना सकता है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की ओर से दाखिल अर्जी पर दिया है.
कोर्ट ने शाहजहांपुर के एसीएम तृतीय से चिन्मयानंद के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट के अमल में जल्दबाजी नहीं करने को कहा है. स्टे बढ़ाने की अर्जी में कहा गया कि हाईकोर्ट ने केस वापसी के मामले में गत 29 जुलाई को निर्णय सुरक्षित कर लिया है. उधर, एसीएम थर्ड ने गत 16 सितंबर को जारी एनबीडब्ल्यू में चिन्मयानंद को 26 सितंबर को पेश करने का आदेश दिया है. कहा गया है कि 76 वर्षीय याची बीमार है और आंख का ऑपरेशन कराने जा रहा है इसलिए गैर जमानती वारंट पर रोक लगाई जाए.
गौरतलब है कि पुलिस ने रेप मामले में चिन्मयानंद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. बाद में राज्य सरकार ने केस वापस लेने का निर्णय लिया. हालांकि अधीनस्थ अदालत ने इससे इनकार कर दिया.याचिका में इसी आदेश को चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका पर गत 29 जुलाई को निर्णय सुरक्षित कर लिया है.
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