प्रयागराज: उत्तर प्रदेश से कछुओं की तस्करी कर पश्चिम बंगाल ले जा रहे गिरोह के तीन आरोपियों को एसटीएफ ने पकड़ा है. पकड़े गए तस्करों के पास से 741 कछुए बरामद हुए हैं. यूपी में 15 प्रजातियों के कछुए मिलते हैं. जिसमें से 11 प्रजाति के कछुए पुलिस को मिले है. एसटीएफ ने पकड़े गए तीनों तस्कर शनि, सूरज और आदर्श सिंह को पुलिस के हवाले कर दिया है.
अलग-अलग प्रजाति के कछुए बरामद: एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट को सूचना मिली थी कि प्रयागराज से होते हुए कछुओं को लेकर पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा है. इस सूचना पर नवाबगंज थाना क्षेत्र के टोल प्लाजा के पास शक के आधार पर पिकप वैन को रोका गया. एसटीएफ की टीम ने वैन की तलाशी ली तो बोरे में सैकड़ो कछुए मिले. एसटीएफ की टीम ने 27 बोरे में भरे हुए कछुओं के साथ 3 तस्करों को लेकर थाने पहुंची. पुलिस के सामने 27 बोरे में बंद कछुओं की गिनती की गयी तो उनकी संख्या 741 निकली. 11 प्रजाति के कछुए बताए जा रहे हैं. पुलिस ने आरोपी तस्करों को जेल भेज दिया है. वहीं, बरामद कछुओं को वन विभाग के हवाले कर दिया है.
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कछुओं का इस्तेमाल यौन शक्तिवर्धक दवाओं में: कछुओं के कठोर कवच और मुलायम कवच का अलग अलग इस्तेमाल किया जाता है.यूपी से तस्कर कछुओं को लेकर पश्चिम बंगाल सप्लाई करने ले जाते हैं. जहां पर कुछ लोग उनसे कछुओं को तय कीमत पर खरीदते हैं. जबकि उन्हें इंटरनेशनल बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचा जाता है. क्योंकि कछुओं के कैलिपि झिल्ली को सुखाकर यौन शक्तिवर्धक दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि कछुओं की कीमत इंटरनेशनल बाजार में ज्यादा है. पकड़े गए तस्करों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्होंने अमेठी में रहने वाले सलमान, अकबर,और फूल मोहम्मद से कछुओं को लिया था.
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