लखनऊ: विशेष जज पवन कुमार राय ने सामूहिक दुष्कर्म और जानमाल की धमकी के मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व एक अन्य अभियुक्त अमरेंद्र को बीमारी के चलते पेश न करने पर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने इस संबंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक समेत सीएमओ केजीएमयू से भी जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि अभियुक्तों को क्या बीमारी है व उनका कब तक इलाज चलेगा?
पीड़िता की अर्जी खारिज
कोर्ट ने 2 जनवरी तक रिपोर्ट भी तलब की है. इसके साथ ही पीड़िता की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें इस मामले का विचारण रोकने की मांग की गई थी. उनका कहना था कि इस मामले में किसी तरह का कोई स्थगन अर्जी मंजूर नहीं किया जाएगा.
गायत्री प्रजापति कोर्ट में नहीं हुए पेश
वहीं सोमवार को विशेष अदालत के समक्ष इस मामले के अन्य अभियुक्त को जेल से पुलिस की कड़ी सुरक्षा में हाजिर किये गए, लेकिन बीमारी के चलते गायत्री व अमरेंद्र हाजिर नहीं हुए, इसके पूर्व इस मामले का विचारण इलाहाबाद में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रहा था. अब तक इस मामले में पीड़िता समेत चार गवाहों की गवाही दर्ज हो चुकी है.
ये है पूरा मामला
18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म और जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था. चित्रकूट की रहने वाली पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरिया दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया था. विवेचना के दौरान पुलिस ने गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.