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सचिव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कोर्ट ने मांगी जानकारी

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Published : Feb 21, 2022, 10:50 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने होम्योपैथी फार्मासिस्ट‌ के 420 पदों की भर्ती में सफल याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद अकारण चयनित न करने के खिलाफ याचिका पर सचिव उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जानकारी मांगी है. इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने होम्योपैथी फार्मासिस्ट‌ के 420 पदों की भर्ती में सफल याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद अकारण चयनित न करने के खिलाफ याचिका पर सचिव उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जानकारी मांगी है और पूछा है कि 14 याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद किस कारण से सफल घोषित नहीं किया गया है. याचिका की सुनवाई 10 मार्च को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने जौनपुर के पांडेय अंकित कुमार कृष्ण कुमार और 13 अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता के एस कुशवाहा और मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की. याची का कहना है कि होम्योपैथिक फार्मासिस्ट पद की भर्ती विज्ञापन में होम्योपैथी फार्मेसी में डिप्लोमा और मेडिकल बोर्ड में पंजीयन अर्हता रखी गई है.

इसे भी पढ़ेंः इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश: खाद की आपूर्ति में सब्सिडी घोटाले की होगी CBI जांच

24 अक्टूबर 19 को परीक्षा हुई और याचीगण 17 दिसंबर 20 को घोषित परिणाम में सफल हुए. उन्हें दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया किन्तु अंतिम चयन सूची से उन्हें बाहर रखा गया है और किस कारण उन्हें सफल घोषित नहीं किया गया. इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है, जिस पर कोर्ट ने जानकारी मांगी है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने होम्योपैथी फार्मासिस्ट‌ के 420 पदों की भर्ती में सफल याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद अकारण चयनित न करने के खिलाफ याचिका पर सचिव उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जानकारी मांगी है और पूछा है कि 14 याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद किस कारण से सफल घोषित नहीं किया गया है. याचिका की सुनवाई 10 मार्च को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने जौनपुर के पांडेय अंकित कुमार कृष्ण कुमार और 13 अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता के एस कुशवाहा और मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की. याची का कहना है कि होम्योपैथिक फार्मासिस्ट पद की भर्ती विज्ञापन में होम्योपैथी फार्मेसी में डिप्लोमा और मेडिकल बोर्ड में पंजीयन अर्हता रखी गई है.

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24 अक्टूबर 19 को परीक्षा हुई और याचीगण 17 दिसंबर 20 को घोषित परिणाम में सफल हुए. उन्हें दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया किन्तु अंतिम चयन सूची से उन्हें बाहर रखा गया है और किस कारण उन्हें सफल घोषित नहीं किया गया. इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है, जिस पर कोर्ट ने जानकारी मांगी है.

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