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HC का आदेश, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से नहीं कर सकते अतिरिक्त भुगतान की वसूली - Class IV employees salary payment case

प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को किए गए वेतन भुगतान की वसूली उनसे नहीं की जा सकती है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Sep 23, 2022, 9:54 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को किए गए वेतन भुगतान की वसूली उनसे नहीं की जा सकती है. यहां तक कि यदि उनको गलती से अधिक भुगतान कर दिया गया है तब भी इसे उनसे वसूला नहीं जा सकता है. कोर्ट ने सिद्धार्थनगर के शिवपति इंटर कॉलेज (Shivpati Inter College) में कार्यरत रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से एक लाख 86 हजार से अधिक वेतन के वसूली का आदेश रद्द कर दिया है. दिलीप कुमार चौधरी व अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया.

याची गण के अधिवक्ता प्रणवेश का कहना था कि याची गण 11 अक्टूबर 21 से 16 अप्रैल 2022 तक कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत रहे. बाद में जिला विद्यालय निरीक्षक ने उनकी नियुक्ति को नियम विरुद्ध मानते हुए स्वीकृति देने से इनकार कर दिया. इस आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से याचिकाएं खारिज हो गई. इसके बाद कालेज की ओर से याची गण को किए गए वेतन भुगतान की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई.

यह भी पढ़ें- प्रयागराज में मस्जिद पर गिरी बिजली, सड़कें बनीं तालाब

हाईकोर्ट ने स्टेट आफ पंजाब वर्सेस रफीक मशीन केस का हवाला देते हुए कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को किए गए भुगतान की वसूली उनसे नहीं की जा सकती है. यह भी तथ्य सही है कि याची गण को जिस अवधि का वेतन भुगतान किया गया है उस अवधि में उन्होंने काम भी किया है. बिना वेतन भुगतान के काम लिया जाना उचित नहीं है. कोर्ट ने वेतन वसूली के आदेश को रद्द कर दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को किए गए वेतन भुगतान की वसूली उनसे नहीं की जा सकती है. यहां तक कि यदि उनको गलती से अधिक भुगतान कर दिया गया है तब भी इसे उनसे वसूला नहीं जा सकता है. कोर्ट ने सिद्धार्थनगर के शिवपति इंटर कॉलेज (Shivpati Inter College) में कार्यरत रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से एक लाख 86 हजार से अधिक वेतन के वसूली का आदेश रद्द कर दिया है. दिलीप कुमार चौधरी व अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया.

याची गण के अधिवक्ता प्रणवेश का कहना था कि याची गण 11 अक्टूबर 21 से 16 अप्रैल 2022 तक कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत रहे. बाद में जिला विद्यालय निरीक्षक ने उनकी नियुक्ति को नियम विरुद्ध मानते हुए स्वीकृति देने से इनकार कर दिया. इस आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से याचिकाएं खारिज हो गई. इसके बाद कालेज की ओर से याची गण को किए गए वेतन भुगतान की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई.

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हाईकोर्ट ने स्टेट आफ पंजाब वर्सेस रफीक मशीन केस का हवाला देते हुए कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को किए गए भुगतान की वसूली उनसे नहीं की जा सकती है. यह भी तथ्य सही है कि याची गण को जिस अवधि का वेतन भुगतान किया गया है उस अवधि में उन्होंने काम भी किया है. बिना वेतन भुगतान के काम लिया जाना उचित नहीं है. कोर्ट ने वेतन वसूली के आदेश को रद्द कर दिया है.

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