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2021 में मानवाधिकारों से लेकर सामाजिक सरोकारों तक अदालत के फैसलों ने दिखाई राह

अदालत ने जौनपुर के चर्चित पुजारी यादव उर्फ़ कृष्णा यादव की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. इसी तरह कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में भी आरोपी दरोगा को कोई राहत नहीं दी.

2021 में मानवाधिकारों से लेकर सामाजिक सरोकारों तक अदालत के फैसलों ने दिखाई राह
2021 में मानवाधिकारों से लेकर सामाजिक सरोकारों तक अदालत के फैसलों ने दिखाई राह
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Published : Jan 1, 2022, 6:19 PM IST

प्रयागराज : दुनिया की सबसे बड़ी अदालत के तौर पर प्रसिद्ध इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना काल की विभिषिका के दौरान भी न्याय के दरवाजे आम आदमी के लिए कभी बंद नहीं किए.

साल 2021 में कोरोना की महामारी के कहर से इलाहाबाद हाईकोर्ट भी अछूता नहीं रहा. कई जज संक्रमित हुए, एक न्यायमूर्ति सहित 70 से अधिक वकीलों को कोरोना ने काल का ग्रास बनाया.

कुछ समय तक हाईकोर्ट बंद रहा. किंतु वीडियो कांफ्रेंसिंग और ई-फाइलिंग के जरिए मुकदमों की सुनवाई जारी रही. न्याय के दरवाजे खुले रहे. इस दौरान हाईकोर्ट ने कई ऐसे फैसले दिए जो काफी दिनों तक चर्चा में रह.

यूपी में इन दिनों विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी शबाब पर हैं. इसी बीच 23 दिसंबर को आए एक अहम फैसले से इस चुनाव पर संकट के बादल मंडराने लगे.

हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग से कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र चुनाव कुछ महीनों के लिए टालने का अनुरोध कर डाला. जस्टिस शेखर यादव ने रैलियों-जनसभाओं व भीड़-भाड़ वाले दूसरे सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाए जाने का भी सुझाव दिया.

उधर, अप्रैल और मई में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इसमें सैकड़ों मतदान कर्मियों के कोरोना के चलते प्राण गंवाने की बात सामने आई. हाईकोर्ट ने मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया. कोविड मामलों को लेकर भी हाईकोर्ट समय समय पर निर्देश देता रहा.

समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आज़म खान को पूरे साल इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. आज़म के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर युनिवर्सिटी की ज़मीन के मामले में रामपुर के सांसद को बड़ा झटका लगा. हाईकोर्ट ने रामपुर के एडीएम के फैसले पर मुहर लगाते हुए आज़म और उनके ट्रस्ट को कोई राहत नहीं दी.

कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की नाबालिग पत्नी खुशी दुबे व‌ मास्टर माइंड विकास दुबे की पत्नी को कोई राहत नहीं मिली.

गायों की हालत और गोहत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर बेहद अहम फैसला सुनाते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का हाईकोर्ट ने सुझाव दिया. केंद्र सरकार से इस बारे में संसद में बिल पेश करने को कहा.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज में माघ मेला: 16 स्थानों पर जांच और निगरानी करेगी मेडिकल टीम

कोर्ट ने कहा अकारण गिरफ्तारी मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताया. कोर्ट ने सरकारी अनुदान से चल रहे मदरसों में धार्मिक शिक्षा पर भी सवाल खड़े किए. शादी के लिए मतांतरण मामले में अकबर और जोधाबाई के रिश्ते को उदाहरण के तौर पर पेश किया. कोर्ट ने कहा कि महज़ शादी करने के लिए डर-धोखे-लालच व दबाव में किया गया मतांतरण सही नहीं है.

मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में दो साल पहले ग्यारहवीं की छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरे साल सख्त रुख अपनाए रखा. हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को तलब कर उन्हें दो दिनों तक प्रयागराज में ही रुकने का आदेश दिया था. एसआईटी की जांच और मुक़दमे की सुनवाई अभी जारी है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के खिलाफ दाख़िल अर्जी कोर्ट से खारिज हुई. विश्वनाथ धाम में शुरू की गई सुगम दर्शन की योजना के ख़िलाफ़ दाखिल जनहित याचिका भी खारिज हुई. वाराणसी के विशेश्वर महादेव और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की सुनवाई पूरे साल चली लेकिन अभी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी.

इसी तरह मथुरा के श्रीकृष्ण मंदिर के नजदीक मस्जिद की जगह पर पूजा और दर्शन की इजाज़त दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है. हिन्दू देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी वाली तांडव फ़िल्म को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया.

अदालत ने साफ़तौर पर कहा कि कला और अभिव्यक्ति के नाम पर बहुसंख्यक लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. हालांकि फिल्म अभिनेता नवाज़उद्दीन सिद्दीकी को घरेलू विवाद मामले में राहत मिल गई.

कुशीनगर और मेरठ की रहने वाली दो मुस्लिम लड़कियां लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट आईं. हाईकोर्ट ने इनके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए.

अदालत ने जौनपुर के चर्चित पुजारी यादव उर्फ़ कृष्णा यादव की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. इसी तरह कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में भी आरोपी दरोगा को कोई राहत नहीं दी.

पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाने की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गृह विभाग से जवाब तलब किया था. सरकार ने सूबे के डेढ़ हज़ार थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाने की मंज़ूरी दी.

महोबा के निलंबित लापता एसपी मणिलाल पाटीदार को राहत नहीं मिल सकी. इसी तरह भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्र को भी किसी मामले में राहत नहीं मिल सकी. विजय मिश्र इन दिनों आगरा की जेल में बंद हैं.

अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के चर्चित मामले के मुख्य आरोपी आनंद गिरि को राहत नहीं मिली. भगवान राम और कृष्ण पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में हाईकोर्ट ने गहरी नाराज़गी जताई.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डाॅ. कफील खान को कई मामलों में राहत दी. किसानों के बकाए ब्याज के भुगतान का निर्देश जारी किया.

प्रयागराज : दुनिया की सबसे बड़ी अदालत के तौर पर प्रसिद्ध इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना काल की विभिषिका के दौरान भी न्याय के दरवाजे आम आदमी के लिए कभी बंद नहीं किए.

साल 2021 में कोरोना की महामारी के कहर से इलाहाबाद हाईकोर्ट भी अछूता नहीं रहा. कई जज संक्रमित हुए, एक न्यायमूर्ति सहित 70 से अधिक वकीलों को कोरोना ने काल का ग्रास बनाया.

कुछ समय तक हाईकोर्ट बंद रहा. किंतु वीडियो कांफ्रेंसिंग और ई-फाइलिंग के जरिए मुकदमों की सुनवाई जारी रही. न्याय के दरवाजे खुले रहे. इस दौरान हाईकोर्ट ने कई ऐसे फैसले दिए जो काफी दिनों तक चर्चा में रह.

यूपी में इन दिनों विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी शबाब पर हैं. इसी बीच 23 दिसंबर को आए एक अहम फैसले से इस चुनाव पर संकट के बादल मंडराने लगे.

हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग से कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र चुनाव कुछ महीनों के लिए टालने का अनुरोध कर डाला. जस्टिस शेखर यादव ने रैलियों-जनसभाओं व भीड़-भाड़ वाले दूसरे सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाए जाने का भी सुझाव दिया.

उधर, अप्रैल और मई में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इसमें सैकड़ों मतदान कर्मियों के कोरोना के चलते प्राण गंवाने की बात सामने आई. हाईकोर्ट ने मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया. कोविड मामलों को लेकर भी हाईकोर्ट समय समय पर निर्देश देता रहा.

समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आज़म खान को पूरे साल इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. आज़म के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर युनिवर्सिटी की ज़मीन के मामले में रामपुर के सांसद को बड़ा झटका लगा. हाईकोर्ट ने रामपुर के एडीएम के फैसले पर मुहर लगाते हुए आज़म और उनके ट्रस्ट को कोई राहत नहीं दी.

कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की नाबालिग पत्नी खुशी दुबे व‌ मास्टर माइंड विकास दुबे की पत्नी को कोई राहत नहीं मिली.

गायों की हालत और गोहत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर बेहद अहम फैसला सुनाते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का हाईकोर्ट ने सुझाव दिया. केंद्र सरकार से इस बारे में संसद में बिल पेश करने को कहा.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज में माघ मेला: 16 स्थानों पर जांच और निगरानी करेगी मेडिकल टीम

कोर्ट ने कहा अकारण गिरफ्तारी मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताया. कोर्ट ने सरकारी अनुदान से चल रहे मदरसों में धार्मिक शिक्षा पर भी सवाल खड़े किए. शादी के लिए मतांतरण मामले में अकबर और जोधाबाई के रिश्ते को उदाहरण के तौर पर पेश किया. कोर्ट ने कहा कि महज़ शादी करने के लिए डर-धोखे-लालच व दबाव में किया गया मतांतरण सही नहीं है.

मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में दो साल पहले ग्यारहवीं की छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरे साल सख्त रुख अपनाए रखा. हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को तलब कर उन्हें दो दिनों तक प्रयागराज में ही रुकने का आदेश दिया था. एसआईटी की जांच और मुक़दमे की सुनवाई अभी जारी है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के खिलाफ दाख़िल अर्जी कोर्ट से खारिज हुई. विश्वनाथ धाम में शुरू की गई सुगम दर्शन की योजना के ख़िलाफ़ दाखिल जनहित याचिका भी खारिज हुई. वाराणसी के विशेश्वर महादेव और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की सुनवाई पूरे साल चली लेकिन अभी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी.

इसी तरह मथुरा के श्रीकृष्ण मंदिर के नजदीक मस्जिद की जगह पर पूजा और दर्शन की इजाज़त दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है. हिन्दू देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी वाली तांडव फ़िल्म को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया.

अदालत ने साफ़तौर पर कहा कि कला और अभिव्यक्ति के नाम पर बहुसंख्यक लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. हालांकि फिल्म अभिनेता नवाज़उद्दीन सिद्दीकी को घरेलू विवाद मामले में राहत मिल गई.

कुशीनगर और मेरठ की रहने वाली दो मुस्लिम लड़कियां लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट आईं. हाईकोर्ट ने इनके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए.

अदालत ने जौनपुर के चर्चित पुजारी यादव उर्फ़ कृष्णा यादव की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. इसी तरह कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में भी आरोपी दरोगा को कोई राहत नहीं दी.

पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाने की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गृह विभाग से जवाब तलब किया था. सरकार ने सूबे के डेढ़ हज़ार थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाने की मंज़ूरी दी.

महोबा के निलंबित लापता एसपी मणिलाल पाटीदार को राहत नहीं मिल सकी. इसी तरह भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्र को भी किसी मामले में राहत नहीं मिल सकी. विजय मिश्र इन दिनों आगरा की जेल में बंद हैं.

अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के चर्चित मामले के मुख्य आरोपी आनंद गिरि को राहत नहीं मिली. भगवान राम और कृष्ण पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में हाईकोर्ट ने गहरी नाराज़गी जताई.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डाॅ. कफील खान को कई मामलों में राहत दी. किसानों के बकाए ब्याज के भुगतान का निर्देश जारी किया.

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