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High court news: सहायक अध्यापक भर्ती मामले में अध्यापकों की वरिष्ठता शून्य न करने के खिलाफ परिषद की अपील खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक 18500 सहायक अध्यापक भर्ती में एक अपील खारिज की है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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High court news: सहायक अध्यापक भर्ती मामले में अध्यापकों की वरिष्ठता शून्य न करने के खिलाफ परिषद की अपील खारिज
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Published : Mar 24, 2023, 9:59 PM IST

Updated : Mar 24, 2023, 10:17 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक 18500 सहायक अध्यापक भर्ती में पिछड़ा वर्ग के मेधावी अभ्यर्थियों को उनकी पसंद का जिला आवंटित करते समय उनकी वरिष्ठता शून्य नहीं करने और नियुक्त की तिथि से वरिष्ठता की गणना करने के आदेश को चुनौती देने वाली बेसिक शिक्षा परिषद की विशेष अपील खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि एकल न्याय पीठ के आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है.

एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि 18500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित जिन अध्यापकों को मेरिट के आधार पर उनकी पसंद के जिले में दोबारा नियुक्ति दी गई है. उनकी वरिष्ठता नई नियुक्ति पर शून्य नहीं होगी. कोर्ट ने कहा है कि नई नियुक्ति पर भी अध्यापकों की वरिष्ठता उनकी मूल नियुक्ति की तिथि से ही जोड़ी जाएगी. इस फैसले को बेसिक शिक्षा परिषद ने विशेष अपील दाखिल कर चुनौती दी थी विशेष से अपील पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की पीठ ने सुनवाई की.

सहायक अध्यापकों के अधिवक्ता ओपीएस राठौर ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी 2022 में ऐसे पिछड़ा वर्ग के उन मेधावी सहायक अध्यापकों को उनकी पसंद का जिला आवंटित करने का निर्देश दिया था जो मेरिट में ऊपर होने के बावजूद अपनी पसंद का जिला नहीं पा सके थे. इस आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछड़ा वर्ग के उन मेधावी अभ्यर्थियों जिनका चयन सामान्य श्रेणी में हुआ था तथा मेरिट में अन्य अभ्यर्थियों से ऊपर थे को उनकी प्राथमिकता वाला जिला आवंटित कर दिया, मगर इसमें यह शर्त रखी गई कि पसंद के जिले में नियुक्ति मिलने पर सहायक अध्यापक की वरिष्ठता शून्य कर दी जाएगी तथा वह नए जिले की वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे होंगे. सहायक अध्यापकों से इस आशय का हलफनामा भी ले लिया गया. परिषद के इस आदेश को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई.

कहा गया कि अभ्यर्थियों को उनकी प्राथमिकता का जिला प्रथम काउंसलिंग के समय ही आवंटित किया जाना चाहिए था मगर बेसिक शिक्षा परिषद की गलत नीति के कारण पहली काउंसलिंग में उनको पसंद का जिला नहीं मिल सका. कोर्ट के आदेश पर बाद में उन्हें उनकी पसंद के जिले में तैनाती दी गई इसलिए वरिष्ठता शून्य करने का निर्णय गलत वहीं है. कोर्ट ने परिषद के आदेश को रद्द करते हुए कहा है कि प्राथमिकता वाला जिला पाने वाले सहायक अध्यापकों को की वरिष्ठता उनकी नियुक्ति की तिथि से मानी जाएगी तथा नई नियुक्ति के समय उनकी वरिष्ठता शून्य नहीं की जाएगी.

एकल नृत्य सा देश के खिलाफ बेसिक शिक्षा परिषद ने विशेष अपील दाखिल की थी कोर्ट ने परिषद के अधिवक्ता की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि एकल न्याय पीठ के आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है.

ये भी पढ़ेंः Umesh Pal Murder: अतीक अहमद के शार्पशूटर को शरण देने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार, हथियारों का जखीरा बरामद

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक 18500 सहायक अध्यापक भर्ती में पिछड़ा वर्ग के मेधावी अभ्यर्थियों को उनकी पसंद का जिला आवंटित करते समय उनकी वरिष्ठता शून्य नहीं करने और नियुक्त की तिथि से वरिष्ठता की गणना करने के आदेश को चुनौती देने वाली बेसिक शिक्षा परिषद की विशेष अपील खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि एकल न्याय पीठ के आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है.

एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि 18500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित जिन अध्यापकों को मेरिट के आधार पर उनकी पसंद के जिले में दोबारा नियुक्ति दी गई है. उनकी वरिष्ठता नई नियुक्ति पर शून्य नहीं होगी. कोर्ट ने कहा है कि नई नियुक्ति पर भी अध्यापकों की वरिष्ठता उनकी मूल नियुक्ति की तिथि से ही जोड़ी जाएगी. इस फैसले को बेसिक शिक्षा परिषद ने विशेष अपील दाखिल कर चुनौती दी थी विशेष से अपील पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की पीठ ने सुनवाई की.

सहायक अध्यापकों के अधिवक्ता ओपीएस राठौर ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी 2022 में ऐसे पिछड़ा वर्ग के उन मेधावी सहायक अध्यापकों को उनकी पसंद का जिला आवंटित करने का निर्देश दिया था जो मेरिट में ऊपर होने के बावजूद अपनी पसंद का जिला नहीं पा सके थे. इस आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछड़ा वर्ग के उन मेधावी अभ्यर्थियों जिनका चयन सामान्य श्रेणी में हुआ था तथा मेरिट में अन्य अभ्यर्थियों से ऊपर थे को उनकी प्राथमिकता वाला जिला आवंटित कर दिया, मगर इसमें यह शर्त रखी गई कि पसंद के जिले में नियुक्ति मिलने पर सहायक अध्यापक की वरिष्ठता शून्य कर दी जाएगी तथा वह नए जिले की वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे होंगे. सहायक अध्यापकों से इस आशय का हलफनामा भी ले लिया गया. परिषद के इस आदेश को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई.

कहा गया कि अभ्यर्थियों को उनकी प्राथमिकता का जिला प्रथम काउंसलिंग के समय ही आवंटित किया जाना चाहिए था मगर बेसिक शिक्षा परिषद की गलत नीति के कारण पहली काउंसलिंग में उनको पसंद का जिला नहीं मिल सका. कोर्ट के आदेश पर बाद में उन्हें उनकी पसंद के जिले में तैनाती दी गई इसलिए वरिष्ठता शून्य करने का निर्णय गलत वहीं है. कोर्ट ने परिषद के आदेश को रद्द करते हुए कहा है कि प्राथमिकता वाला जिला पाने वाले सहायक अध्यापकों को की वरिष्ठता उनकी नियुक्ति की तिथि से मानी जाएगी तथा नई नियुक्ति के समय उनकी वरिष्ठता शून्य नहीं की जाएगी.

एकल नृत्य सा देश के खिलाफ बेसिक शिक्षा परिषद ने विशेष अपील दाखिल की थी कोर्ट ने परिषद के अधिवक्ता की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि एकल न्याय पीठ के आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है.

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Last Updated : Mar 24, 2023, 10:17 PM IST
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