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लॉकडाउन ने तोड़ी ऑटोमोबाइल सेक्टर की कमर, बिक्री में गिरावट दर्ज

देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर लॉकडाउन के कारण संकट के दौर से गुजर रहा है. लॉकडाउन में इस सेक्टर की कमर टूट चुकी है. पिछले साल के मुकाबले, इस साल मई में वाहनों की बिक्री में भारी गिरवट आई है.

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लॉकडाउन में ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई सुस्ती.
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Published : Aug 14, 2020, 6:30 AM IST

प्रयागराज: कोरोना महामारी का कहर पूरे विश्व में जारी है. भारत भी पूरी तरह संक्रमण की गिरफ्त में है. इस वायरस के संकट ने भारत सहित विश्व को आर्थिक संकट में धकेल दिया. कोविड-19 से बचाव के कारण लंबे समय तक जारी रहे लॉकडाउन ने तमान छोटे बड़े व्यवसायों को पूरी तरह चौपट कर दिया. इसमें ऑटो सेक्टर भी शामिल है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में लॉकडाउन का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. जानकारों के अनुसार, इस काल में ऑटोमोबाइल से जुड़े उत्पादों की बिक्री में 60 से 70 प्रतिशत की गिरावट आई है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने से ऑटोमोबाइल व्यापार लड़खड़ा गया है.

लॉकडाउन में ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई सुस्ती.

लगन में होती थी दो पहिया वाहनों की सबसे ज्यादा ब्रिकी
हीरो बाइक डीलर हर्षित अग्रवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि कोरोना संकट के बीच दो पहिया वाहनों का बाजार डाउन फॉल के दौर से गुजर रहा है. दो पहिया वाहनों की बिक्री लगन सीजन में 45 से 50 प्रतिशत की होती थी, लेकिन अप्रैल और मई में लॉकडाउन की वजह से व्यापार ठप था. अनलॉक होने के बाद जून, जुलाई और अगस्त में औसतन मोटरसाइकिलों की बिक्री काफी कम है. हर्षित अग्रवाल ने बताया कि 2019 की तुलना से 2020 में बाइक की बिक्री में 30 से 35 प्रतिशत का डाउनफॉल देखने को मिला है. अब ग्राहक की प्राथिमकता बाइक और कार नहीं, बल्कि अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान है. साथ ही डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी और इंश्योरेंस कंपनियों का बीमा दामों में इजाफा करने से मोटरसाइकिलों के दाम में 10 से 15 हजार महंगाई बढ़ी है.

उत्पादन में आई है कमी
ऑटोमोबाइल डीलर हर्षित अग्रवाल ने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में उत्पाद करने वाली कंपनी बहुत से पार्ट दूसरे कंपनी से खरीदती हैं. कोविड-19 की वजह से उत्पादन में कमी होने से बाइक और कार के उत्पादन में कमी आई है. इसके साथ ग्राहक की मांग के आधार पर अभी ऑटोमोबाइल मोबाइल सेक्टर कार्य कर रहा है. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर में उत्पादन में भी कमी आई है.
फाइनेंस कंपनियों की है अहम भूमिका
ऑटोमोबाइल डीलर ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान सबसे अधिक फाइनेंस कंपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. ऑटोमोबाइल में कार या बाइक खरीदने वाले ग्राहक को बेस्ट स्कीम के माध्यम से सुविधा दी जा रही है, जिसकी वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री में तरलता बनी रह सकती है.
ऑटोमोबाइल व्यापार हुआ है प्रभावित
ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील खरबंदा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते ऑटोमोबाइल का व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. 65 दिन के लॉकडाउन की वजह से आर्थिक स्थिति कमजोर होने से ऑटोमोबाइल बिक्री में गिरावट आई है. इसके साथ ही लॉकडाउन के पहले जो कार में बिक्री थी, अब उस बिक्री में 70 से 75 प्रतिशत की गिरावट आई है. ऑटोमोबाइल सेक्टर लॉकडाउन के पहले जहां पर खड़ा था, अब उससे 50 प्रतिशत नीचे की ओर पहुंच गया है.

प्रयागराज: कोरोना महामारी का कहर पूरे विश्व में जारी है. भारत भी पूरी तरह संक्रमण की गिरफ्त में है. इस वायरस के संकट ने भारत सहित विश्व को आर्थिक संकट में धकेल दिया. कोविड-19 से बचाव के कारण लंबे समय तक जारी रहे लॉकडाउन ने तमान छोटे बड़े व्यवसायों को पूरी तरह चौपट कर दिया. इसमें ऑटो सेक्टर भी शामिल है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में लॉकडाउन का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. जानकारों के अनुसार, इस काल में ऑटोमोबाइल से जुड़े उत्पादों की बिक्री में 60 से 70 प्रतिशत की गिरावट आई है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने से ऑटोमोबाइल व्यापार लड़खड़ा गया है.

लॉकडाउन में ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई सुस्ती.

लगन में होती थी दो पहिया वाहनों की सबसे ज्यादा ब्रिकी
हीरो बाइक डीलर हर्षित अग्रवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि कोरोना संकट के बीच दो पहिया वाहनों का बाजार डाउन फॉल के दौर से गुजर रहा है. दो पहिया वाहनों की बिक्री लगन सीजन में 45 से 50 प्रतिशत की होती थी, लेकिन अप्रैल और मई में लॉकडाउन की वजह से व्यापार ठप था. अनलॉक होने के बाद जून, जुलाई और अगस्त में औसतन मोटरसाइकिलों की बिक्री काफी कम है. हर्षित अग्रवाल ने बताया कि 2019 की तुलना से 2020 में बाइक की बिक्री में 30 से 35 प्रतिशत का डाउनफॉल देखने को मिला है. अब ग्राहक की प्राथिमकता बाइक और कार नहीं, बल्कि अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान है. साथ ही डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी और इंश्योरेंस कंपनियों का बीमा दामों में इजाफा करने से मोटरसाइकिलों के दाम में 10 से 15 हजार महंगाई बढ़ी है.

उत्पादन में आई है कमी
ऑटोमोबाइल डीलर हर्षित अग्रवाल ने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में उत्पाद करने वाली कंपनी बहुत से पार्ट दूसरे कंपनी से खरीदती हैं. कोविड-19 की वजह से उत्पादन में कमी होने से बाइक और कार के उत्पादन में कमी आई है. इसके साथ ग्राहक की मांग के आधार पर अभी ऑटोमोबाइल मोबाइल सेक्टर कार्य कर रहा है. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर में उत्पादन में भी कमी आई है.
फाइनेंस कंपनियों की है अहम भूमिका
ऑटोमोबाइल डीलर ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान सबसे अधिक फाइनेंस कंपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. ऑटोमोबाइल में कार या बाइक खरीदने वाले ग्राहक को बेस्ट स्कीम के माध्यम से सुविधा दी जा रही है, जिसकी वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री में तरलता बनी रह सकती है.
ऑटोमोबाइल व्यापार हुआ है प्रभावित
ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील खरबंदा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते ऑटोमोबाइल का व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. 65 दिन के लॉकडाउन की वजह से आर्थिक स्थिति कमजोर होने से ऑटोमोबाइल बिक्री में गिरावट आई है. इसके साथ ही लॉकडाउन के पहले जो कार में बिक्री थी, अब उस बिक्री में 70 से 75 प्रतिशत की गिरावट आई है. ऑटोमोबाइल सेक्टर लॉकडाउन के पहले जहां पर खड़ा था, अब उससे 50 प्रतिशत नीचे की ओर पहुंच गया है.

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