प्रयागराज: संगम नगरी में चल रहे माघ मेले में कांग्रेसियों ने वीर सावरकर को लेकर विवादित पुस्तक बांटी. माघ मेला क्षेत्र में कांग्रेस सेवादल के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में यह पुस्तक बांटी गई है. 'वीर सावरकर, कितने वीर' शीर्षक से ये पुस्तक लिखी गई है.
सावरकर पर लगाया गया गंभीर आरोप
पुस्तक में कहा गया है कि विनायक दामोदर सावरकर साम्प्रदायिक मानसिकता वाले व्यक्ति थे. इसमें सावरकर के नाथूराम गोडसे से संबंधों का दावा किया गया है. यही नहीं महात्मा गांधी की हत्या में भी साजिश का पुस्तक में आरोप लगाया गया है. साथ ही सावरकर द्वारा अंग्रेजों से माफी मांगने का भी आरोप लगाया गया है.
'पुस्तक में नहीं है कोई विवादित शब्द'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां वो किताब वितरण की गई हैं, जो भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित नहीं है. मैं यही कहना चाहूंगा कि भारत सरकार के पास यह अधिकार है कि किसी साहित्य में कोई विवादित शब्द हो तो उस पर रोक लगनी चाहिए. इसके साथ ही प्रदेश सरकार के पास भी यह अधिकार है कि वह अपने क्षेत्र में प्रतिबंधित कर सकती है.
प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा सरकार केंद्र में भी है और कई प्रदेशों में भी है तो ऐसे पुस्तक को प्रतिबंधित क्यों नही किया. अगर प्रतिबंधित नहीं किया है तो इसका मतलब यह है कि पुस्तक में कोई विवादित शब्द नहीं है.
दिल्ली में भाजपा सरकार के खिलाफ चल रही हैं आंधी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं आठ दिनों तक दिल्ली में रहा, लेकिन दिल्ली की जनता भाजपा के खिलाफ है. इस चुनाव में भाजपा सरकार के खिलाफ आंधी चल रही है. उन्होंने कहा कि अगर देश के गृह मंत्री यह कहते हैं कि दिल्ली में हम सरकार बना रहे हैं तो वह निश्चित दो कारण होंगे. पहला कार्यकताओं के गिरते मनोबल को बचाने के लिए बोल रहे हैं या फिर दूसरा सबसे बड़ा कारण यह होगा कि दिल्ली में 45 सीट का दावा करना. 11 फरवरी को यह बात सामने आ जाएगी कि गृह मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग किया है.
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