प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगला प्रसाद सिंह जिलाधिकारी गाजीपुर को अवमानना नोटिस जारी कर एक माह में जवाब मांगा है और कोर्ट के आदेश का पालन करने का अवसर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया जिलाधिकारी के खिलाफ अवमानना का केस बनता है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने श्रीमती अफसान अंसारी की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने बहस की. इनका कहना था कि शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की जांच कार्यवाही के दौरान लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था जिसे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर जांच के दौरान निलंबन को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है. इस आदेश का पालन नहीं करने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है. कोर्ट ने कहा कि हलफनामा दाखिल न करने पर कोर्ट तलब कर अवमानना आरोप निर्मित करेगी.
राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर अवैध कब्जा जमाने पर कोर्ट नाराज, मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 29 के गाटा नम्बर 211 एरिया 0. 9100 हेक्टेयर पर नट समुदाय के लोगों द्वारा कब्जा कर लेने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग, डीएम वाराणसी व एसडीएम, तहसील- सदर वाराणसी से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि यदि एनएचआई की सड़क पर लोगों ने कब्जा कर रखा है तो यह बहुत ही दुखद है. यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति सीके राय की खंडपीठ ने पूर्व ग्राम प्रधान कमलेश यादव की जनहित याचिका पर दिया है.
याची के अधिवक्ता का कहना था कि विपक्षियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 29 की जमीन पर कब्जा कर रखा है. वहां आए दिन दुर्घटनाओं की समस्या बनी रहती है. लोगों के आवागमन में बाधा पहुंचती है. बताया यह भी गया कि विपक्षियों को अधिकारियों ने सड़क की जमीन होते हुए भी मुआवजा दे दिया है और उन्हें बगल के गांव बहरामपुर, कटेहर, सदर वाराणसी में इसके एवज में आवासीय भूमि भी आवंटित की गई है फिर भी वे अधिकारियों की मिलीभगत से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 29 सड़क के जमीन पर कब्जा किए हुए हैं. कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर 8 नवम्बर 2021 को फिर से सुनवाई करने का निर्देश दिया है.