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सीएम योगी का पुतला दहन व नारेबाजी के आरोपियों की सशर्त जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन कर खिलाफ नारेबाजी करने के आरोपी 3 सपा कार्यकर्ताओं की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. याची अधिवक्ता शिवम यादव व अखिलेश सिंह का कहना था कि यह राजनैतिक विरोध प्रदर्शन था. देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर जेल मे बंद करना सही नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Jul 2, 2021, 1:54 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन कर खिलाफ नारेबाजी करने के आरोपी 3 सपा कार्यकर्ताओं की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. याची अधिवक्ता शिवम यादव व अखिलेश सिंह का कहना था कि यह राजनैतिक विरोध प्रदर्शन था. देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर जेल मे बंद करना सही नहीं है. एफआईआर के कथन से देशद्रोह का कोई अपराध नहीं बनता. जिसपर कोर्ट ने व्यक्तिगत बंधपत्र व प्रतिभूति लेकर रिहा करने के निर्देश दिए और कहा कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए जनहित याचिका मे जारी समादेश का पालन किया जाए.

कोर्ट ने कहा कि संक्रमण के कारण प्रतिभूति दे पाने मे असमर्थ होने पर एक माह में प्रतिभूति जमा करने का आश्वासन लेकर रिहा किया जाए. प्रतिभूति जमा न करने के कारण जमानत मंजूर होने के बाद जेल मे न रखा जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने फूलचंद्र यादव व अन्य की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है.

चित्रकूट के कर्वी थाने में 12 नामित सहित 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. जिसमें अन्य आरोपी के साथ देशद्रोह का भी आरोप लगाया गया. बता दें, 6 आरोपियों की जमानत पहले ही हो चुकी है. याचीगण 17मार्च 21 से जेल मे बंद है. कोर्ट ने कहा कि शर्ते न मानने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

इसे भी पढ़ें- बिकरू कांड: खुशी दुबे की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन कर खिलाफ नारेबाजी करने के आरोपी 3 सपा कार्यकर्ताओं की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. याची अधिवक्ता शिवम यादव व अखिलेश सिंह का कहना था कि यह राजनैतिक विरोध प्रदर्शन था. देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर जेल मे बंद करना सही नहीं है. एफआईआर के कथन से देशद्रोह का कोई अपराध नहीं बनता. जिसपर कोर्ट ने व्यक्तिगत बंधपत्र व प्रतिभूति लेकर रिहा करने के निर्देश दिए और कहा कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए जनहित याचिका मे जारी समादेश का पालन किया जाए.

कोर्ट ने कहा कि संक्रमण के कारण प्रतिभूति दे पाने मे असमर्थ होने पर एक माह में प्रतिभूति जमा करने का आश्वासन लेकर रिहा किया जाए. प्रतिभूति जमा न करने के कारण जमानत मंजूर होने के बाद जेल मे न रखा जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने फूलचंद्र यादव व अन्य की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है.

चित्रकूट के कर्वी थाने में 12 नामित सहित 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. जिसमें अन्य आरोपी के साथ देशद्रोह का भी आरोप लगाया गया. बता दें, 6 आरोपियों की जमानत पहले ही हो चुकी है. याचीगण 17मार्च 21 से जेल मे बंद है. कोर्ट ने कहा कि शर्ते न मानने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

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