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प्रयागराजः हाई कोर्ट के जज के खिलाफ सीबीआई करेगी जांच, CJI ने दी मंजूरी - प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री नारायण शुक्ल की मुसीबतें कम होने का नाम नही ले रही हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने न्यायमूर्ति नारायण शुक्ल के खिलाफ सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है.

न्यायमूर्ति श्री नारायण शुक्ल के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश
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Published : Jul 31, 2019, 11:51 PM IST

प्रयागराजः चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन शुक्ला के खिलाफ सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है. न्यायमूर्ति एन शुक्ला के खिलाफ एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों का पक्ष लेने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज करने की मंजूरी दी गयी है.

पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्र ने प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्र ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जस्टिस शुक्ल को पद से हटाने का अनुरोध किया था. अब वर्तमान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी जस्टिस शुक्ल को हटाने के लिए जून 19 को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. इसी बीच सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से जस्टिस शुक्ल के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी. जिसपर मुख्य न्यायाधीश ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है.

जस्टिस शुक्ल भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी

2017 में प्रदेश के महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से शिकायत की थी. इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंदिरा जयसिंह, सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश एस के अग्निहोत्री एवं एमपी के मुख्य न्यायाधीश पीके जायसवाल की इन हाउस कमेटी ने जांच की. जांच में जस्टिस शुक्ल को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया.

प्रयागराजः चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन शुक्ला के खिलाफ सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है. न्यायमूर्ति एन शुक्ला के खिलाफ एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों का पक्ष लेने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज करने की मंजूरी दी गयी है.

पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्र ने प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्र ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जस्टिस शुक्ल को पद से हटाने का अनुरोध किया था. अब वर्तमान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी जस्टिस शुक्ल को हटाने के लिए जून 19 को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. इसी बीच सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से जस्टिस शुक्ल के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी. जिसपर मुख्य न्यायाधीश ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है.

जस्टिस शुक्ल भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी

2017 में प्रदेश के महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से शिकायत की थी. इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंदिरा जयसिंह, सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश एस के अग्निहोत्री एवं एमपी के मुख्य न्यायाधीश पीके जायसवाल की इन हाउस कमेटी ने जांच की. जांच में जस्टिस शुक्ल को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया.

प्रयागराज 31 जुलाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री नारायण शुक्ल की मुसीबतें कम होने का नाम नही ले रहे।भ्रष्टाचार के आरोप में जनवरी 18 से चीफ जस्टिस ने न्यायिक कार्य करने पर रोक लगा रखी है। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्र ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जस्टिस शुक्ल को पद से हटाने का अनुरोध किया था।अब वर्तमान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी इन्हें हटाने के लिए जून 19 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।इसी बीच सी बी आई निदेशक बे मुख्य न्यायाधीश गोगोई से जस्टिस शुक्ल के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी।जिपर मुख्य न्यायाधीश ने सी बी आई को ऍफ़ आई आर दर्ज करने की अनुमति दे दी है।अब मेडिकल कालेज में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद न्यायमूर्ति आई एम कुद्दुशी तथा न्यायमूर्ति एस एन शुक्ल की खंडपीठ ने एक प्राइवेट कालेज को फायदा पहुचाते हुए छात्रों के 2017 -18 सत्र में एम् बी बी एस कोर्स में प्रवेश की अनुमति दी।जिसमे जस्टिस कुद्दुशी पर कार्यवाही हुई।
2017 में प्रदेश के महाधिवक्ता की भारत के मुख्य न्यायाधीश को की गयी शिकायत पर मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंदिरा जयसिंह ,सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश एस के अग्निहोत्री एवं एम् पी के मुख्य न्यायाधीश पी के जायसवाल की इन हॉउस कमेटी ने जांच की और जस्टिस शुक्ल को भ्रष्टाचार का दोषी पाया।
जस्टिस शुक्ल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत शुरू की ।कुछ समय बाद लखनऊ पीठ में वकालत करने लगे और वही से न्यायाधीश बने ।मेडिकल प्रवेश घोटाले के आरोप के चलते अब सी बी आई जांच का आदेश हुआ है।
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