प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को प्रथम दृष्टया कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है. हालांकि उन्हें आदेश के पालन करने का एक मौका और दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आदेश का तीन माह में पालन किया जाए. यदि फिर भी आदेश का पालन नहीं किया गया तो याची दोबारा कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है. यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी ने सेना के सिपाही अनिल कुमार शर्मा व अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है.
दरअसल सेना के सिपाही अनिल कुमार शर्मा व अन्य पर विभागीय कार्रवाई की गई थी. इस मामले में सेना के सिपाही अनिल कुमार शर्मा और अन्य ने अपनी अपील थल सेनाध्यक्ष के पास दाखिल की थी, लेकिन थल सेनाध्यक्ष ने अपील दाखिल नहीं की. इस मामले में याची ने हाइकोर्ट में भी अपील की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने थल सेनाध्यक्ष को याची की विभागीय अपील को नये सिरे से दो माह में निर्णित करने का आदेश दिया था. इसका थल सेनाध्यक्ष द्वारा पालन नहीं किया गया. इस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई थी.
याची का कहना था कि एकल पीठ के आदेश के खिलाफ सेना की विशेष अपील भी खारिज हो गई. थल सेनाध्यक्ष को इसकी जानकारी दी गई और आदेश का पालन करते हुए अपील तय करने का अनुरोध किया गया. फिर भी उनके द्वारा हाइकोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है.
याचिका में याची द्वारा जनरल नरवणे को कोर्ट की अवमानना करने के लिए दंडित करने की मांग की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि याची विपक्षी और अपना पता लिखने के साथ ही स्टाम्प लगाकर लिफाफा हाईकोर्ट कार्यालय में जमा करें और कार्यालय याचिका और आदेश की प्रति चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ को अनुपालन के लिए भेजें.