प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद आनंद गिरी पर शुक्रवार को भी आरोप तय नहीं हो सके. 17 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आनंद गिरी पर आरोप तय करने के लिए 27 जनवरी यानी आज की तारीख तय की थी. अब अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.
डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि शुक्रवार को कोर्ट में एक बार फिर आनंद गिरी की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए मोहलत मांगी गयी. इसके बाद कोर्ट ने 7 फरवरी तक का अंतिम अवसर दिया है. अब आनंद गिरी पर इस मामले में 7 फरवरी को आरोप तय किया जा सकता है. पूरे मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को फिर से जिला अदालत की स्पेशल कोर्ट में होगी.
आनंद गिरी को जिला अदालत ने अपने बचाव में दस्तावेज और साक्ष्य जमा करने का अंतिम मौका दिया है. कोर्ट ने 7 फरवरी तक साक्ष्य और दस्तावेज न दे पाने पर उनके खिलाफ आरोप तय करने की बात कही है. इसको लेकर आनंद गिरी को कई बार कोर्ट की तरफ से अवसर दिया जा चुका है. लेकिन, आनंद गिरी की ओर से लगातार वक्त मांगा जा रहा है. जिस पर शुक्रवार को कोर्ट ने आनंद गिरी को अपनी बचाव में साक्ष्य और दस्तावेज पेश करने का अंतिम मौका दिया है. अगली सुनवाई पर कोर्ट में दस्तावेज नहीं पेश करने पर कोर्ट आरोप तय करने की अपनी कार्यवाई को आगे बढ़ा सकता है.
चित्रकूट की जेल में बंद हैं आनंद गिरीः अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आनंद गिरी को पुलिस ने 21 सितम्बर 2021 को हरिद्वार से गिरफ्तार किया था. इसके बाद से आनंद गिरी को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया था. यहां से बाद में आनंद गिरी को चित्रकूट की जिला जेल में भेज दिया गया. फिलहाल आनंद गिरी चित्रकूट की जेल में बंद हैं. यहां से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये केस की सुनवाई होती है. मामले में आनंद गिरी के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसका बेटा संदीप तिवारी भी आरोपी हैं. ये दोनों भी सितम्बर 2021 से नैनी सेंट्रल में इसी मामले में बंद हैं.
ये है पूरा मामलाः बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर 2021 को अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के एक कक्ष में रस्सी के फंदे से लटके मिले थे. पुलिस को कमरे में 9 पन्नों का सुसाइड नोट मिला था. पुलिस ने शिष्य अमर गिरी और पवन महाराज की तहरीर पर पुराने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था.
बाद में सरकार ने जांच सीबीआइ को सौंप दी थी. महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में सीबीआई ने 20 नवंबर 2022 को एक हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई की चार्जशीट आनंद गिरी समेत अन्य के खिलाफ है. महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में आनंद गिरि समेत अन्य आरोपी नैनी जेल में बंद हैं.
दरअसल कमरे से महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 को दिन के 11 बजे के बाद भोजन के लिए नीचे उचरे थे और आगंतुक कक्ष में किसी के इंतजार के लिए चले गए थे. उस दिन उनके कमरे से लेकर आगंतुक कक्ष और आसपास के परिसर के 15 से अधिक कैमरे बंद पाए गए थे. इन कैमरों का मॉनीटर कंट्रोल भी महंत के शयन कक्ष में ही था. बाघंबरी गद्दी मठ के आगंतुक कक्ष से लेकर महंत के शयन कक्ष के बीच की मौत की गुत्थी उलझ कर रह गई है.
कहा जा रहा है कि इस महंत की इस रहस्यमय मौत का राज उनके शयन कक्ष से मठ के पीछे लगे एचडी कैमरे भी थे. उस दिन के मिले फुटेज के आधार पर अब तक सिर्फ इतना पता चला सका है कि महंत अपने करीबी सेवादार धनंजय के साथ अपने कक्ष की सीढ़ियों से उतरते देखे गए. आखिरी बार वह आगंतुक कक्ष की तरफ जाते देखे गए थे और उनके पीछे सीढ़ी उतरने वाला सेवादार मठ के पीछे हवन कुंड की तरफ जाना दिखाई दिया था.