ETV Bharat / state

Allahabad High Court: पंचायत सहायक/लेखा सह डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर सीधी भर्ती को चुनौती - 37 हजार ग्राम रोजगार सेवक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/लेखा सह डाटा इंट्री ऑपरेटरों की भर्ती के लिए 25 जुलाई को जारी शासनादेश की वैधता की चुनौती याचिका पर सरकारी अधिवक्ता से एक हफ्ते में जानकारी मांगी है. याचिका की सुनवाई 20 अगस्त को होगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Aug 14, 2021, 4:00 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/लेखा सह डाटा इंट्री ऑपरेटरों की भर्ती के लिए 25 जुलाई को जारी शासनादेश की वैधता की चुनौती याचिका पर सरकारी अधिवक्ता से एक हफ्ते में जानकारी मांगी है. याचिका की सुनवाई 20 अगस्त को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने जौनपुर के देवी प्रसाद शुक्ल की याचिका पर दिया है.

याचिका में मांग की गई है कि 6 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय पर पिछले 15 साल से समान पद पर कार्यरत 37 हजार ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित किया जाए या पंचायत सहायक भर्ती में आयु सीमा में छूट के साथ कार्य अनुभव की वरीयता देकर चयनित कर नियुक्ति की जाए.

याची का कहना है कि समान पद पर उनका कार्य संतोषजनक है. शासनादेश में अनुभव को वरीयता देने की व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसा करना मनमानापूर्ण और शक्ति का दुरूपयोग है. इस भर्ती से याचियों की सेवा की अनिश्चितता बनी रहेगी. नई भर्ती में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार का रास्ता बनेगा. अनुभवी बाहर कर दिए जाएंगे. कोर्ट याचियों के हितों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करे.

इसे भी पढ़ें- Allahabad High Court: पूर्व इंस्पेक्टर सुधीर सोनी के वेतन वसूली पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/लेखा सह डाटा इंट्री ऑपरेटरों की भर्ती के लिए 25 जुलाई को जारी शासनादेश की वैधता की चुनौती याचिका पर सरकारी अधिवक्ता से एक हफ्ते में जानकारी मांगी है. याचिका की सुनवाई 20 अगस्त को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने जौनपुर के देवी प्रसाद शुक्ल की याचिका पर दिया है.

याचिका में मांग की गई है कि 6 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय पर पिछले 15 साल से समान पद पर कार्यरत 37 हजार ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित किया जाए या पंचायत सहायक भर्ती में आयु सीमा में छूट के साथ कार्य अनुभव की वरीयता देकर चयनित कर नियुक्ति की जाए.

याची का कहना है कि समान पद पर उनका कार्य संतोषजनक है. शासनादेश में अनुभव को वरीयता देने की व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसा करना मनमानापूर्ण और शक्ति का दुरूपयोग है. इस भर्ती से याचियों की सेवा की अनिश्चितता बनी रहेगी. नई भर्ती में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार का रास्ता बनेगा. अनुभवी बाहर कर दिए जाएंगे. कोर्ट याचियों के हितों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करे.

इसे भी पढ़ें- Allahabad High Court: पूर्व इंस्पेक्टर सुधीर सोनी के वेतन वसूली पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.