प्रयागराज: पत्रकारों से जुड़े मामलों को लेकर के जिले में जस्टिस चंद्रमौली कुमार की अध्यक्षता में भारतीय प्रेस परिषद के द्वारा दो दिवसीय सुनवाई का आयोजन किया गया. इस दौरान सुनवाई में कुल 45 मामलों की गई, जिसमें 33 मामलों का निस्तारण भी किया गया. वहीं सुनवाई के अंतिम दिन गुरुवार को प्रयागराज के सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जस्टिस चंद्र मौली ने दो दिन हुई सुनवाई के मामलों की जानकारी देते हुए भारतीय प्रेस परिषद के उद्देश्यों के बारे में बताया.
जानिए क्या बोले जस्टिस चंद्रमौली कुमार
समाचार की भाषा का स्तर मर्यादा है और शब्दों का चयन समाचार की आत्मा है और इसी से समाचार की शोभा और मूल्य को बढ़ावा मिलता है. इसके लिए पत्रकारिता से जुड़े लोगों का दायित्व है कि वह अपनी भाषा को सशक्त बनाते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करें. उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी कि मिर्जापुर में नमक रोटी की सत्यता की जांच होनी चाहिए और सही पाए जाने पर ही संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्वच्छ पत्रकारिता के माध्यम से हमें समाज की सभ्यता और उसे श्रेष्ठता को अग्रसारित करना है.
पढ़ें: पानी के परीक्षण पर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, 4 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने किया था प्रतिभाग
पत्रकार वार्ता के दौरान जस्टिस चंद्रमौली ने पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि समाचार पत्रों में भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन से बचना चाहिए, जिससे समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का भ्रामक विज्ञापन दिया जाता है तो वह पत्रकारिता का उल्लंघन माना जायेगा और संबंधित समाचार पत्र के पंजीकरण पर कार्रवाई की जाएगी.