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Allahabad University: छात्रों ने खून से लिखा राष्ट्रपति, राज्यपाल और पीएम को पत्र, ये मांग की

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) छात्र नेता अजय यादव सम्राट की अगुआई में छात्रसंघ बहाली और 400% की फीस वृद्धि को लेकर छात्रों ने अपने खून से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल पत्र लिखा है.

छात्र नेता अजय यादव सम्राट
छाछात्र नेता अजय यादव सम्राटत्र नेता अजय यादव सम्राट
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Published : Feb 16, 2023, 8:59 PM IST

छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा.

प्रयागराजः इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में तानाशाही का आरोप लगाते हुए छात्रों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को खून से पत्र लिखा है. छात्रों ने विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली, 400% की फीस वृद्धि व कुलपति की अवैध नियुक्ति के बारे में लिखा है. छात्र नेता अजय यादव सम्राट की अगुआई में गुरुवार को 940वें दिन भी विश्वविद्यालय में आंदोलन जारी रहा.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने गुरुवार को भी केंद्रीय लाइब्रेरी के गेट पर बैठकर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को रक्त से पत्र लिखा है. छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आघोषित आपातकाल चल रहा है. विश्वविद्यालय में पूर्ण रूप से तानाशाही का अंधकार व्याप्त हो गया है. इस अंधकार को दूर करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में खून का एक-एक कतरा बहाना बहाने के लिए छात्र मजबूर हो रहे हैं. आज छात्रों को आंदोलन करते 940 दिन हो गए हैं. इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.


छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा कि 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय की केंद्रीय लाइब्रेरी सदियों पुरानी लाइब्रेरी है. इसी लाइब्रेरी से पढ़कर निकले लोग इस देश का नेतृत्व कर रहे हैं. आज भी देश के कोने कोने में पूर्व छात्र उच्च पदों पर विराजमान हैं. महोदया केंद्रीय लाइब्रेरी में जर्नल और अध्ययन सामग्री ना के बराबर है. जो है वह भी पुराने जमाने की है. केंद्रीय लाइब्रेरी किताबों की कमी से जूझ रही है. छात्र-छात्राओं को बिना अध्ययन सामग्री के पढ़ाई करने में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ कंप्यूटर लैब में छात्रों के अनुपात में कंप्यूटर नहीं है. कंप्यूटर लैब में जो भी कंप्यूटर हैं. वह कहीं न कहीं टेक्निकल रूप से ध्वस्त हो चुके हैं. छात्र छात्राओं को बैठने के लिए लाइब्रेरी में पर्याप्त मात्रा में कुर्सी नहीं है. विश्वविद्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जिससे छात्र छात्राओं के पठन-पाठन में काफी व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए टॉयलेट की भी व्यवस्था ठीक नहीं है.' छात्र नेता ने लिखा है कि 'महामहिम राष्ट्रपति महोदया, माननीय प्रधानमंत्री महोदय और महामहिम राज्यपाल महोदया आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लें. अन्यथा समस्त छात्र-छात्राएं बड़े आंदोलन करने को बाध्य होंगे.'

यह भी पढे़ें- UP Board Exam : छात्र-छात्राओं को मैथ की जगह बायो विषय आ रहा पसंद, यह है खास वजह

छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा.

प्रयागराजः इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में तानाशाही का आरोप लगाते हुए छात्रों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को खून से पत्र लिखा है. छात्रों ने विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली, 400% की फीस वृद्धि व कुलपति की अवैध नियुक्ति के बारे में लिखा है. छात्र नेता अजय यादव सम्राट की अगुआई में गुरुवार को 940वें दिन भी विश्वविद्यालय में आंदोलन जारी रहा.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने गुरुवार को भी केंद्रीय लाइब्रेरी के गेट पर बैठकर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को रक्त से पत्र लिखा है. छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आघोषित आपातकाल चल रहा है. विश्वविद्यालय में पूर्ण रूप से तानाशाही का अंधकार व्याप्त हो गया है. इस अंधकार को दूर करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में खून का एक-एक कतरा बहाना बहाने के लिए छात्र मजबूर हो रहे हैं. आज छात्रों को आंदोलन करते 940 दिन हो गए हैं. इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.


छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा कि 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय की केंद्रीय लाइब्रेरी सदियों पुरानी लाइब्रेरी है. इसी लाइब्रेरी से पढ़कर निकले लोग इस देश का नेतृत्व कर रहे हैं. आज भी देश के कोने कोने में पूर्व छात्र उच्च पदों पर विराजमान हैं. महोदया केंद्रीय लाइब्रेरी में जर्नल और अध्ययन सामग्री ना के बराबर है. जो है वह भी पुराने जमाने की है. केंद्रीय लाइब्रेरी किताबों की कमी से जूझ रही है. छात्र-छात्राओं को बिना अध्ययन सामग्री के पढ़ाई करने में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ कंप्यूटर लैब में छात्रों के अनुपात में कंप्यूटर नहीं है. कंप्यूटर लैब में जो भी कंप्यूटर हैं. वह कहीं न कहीं टेक्निकल रूप से ध्वस्त हो चुके हैं. छात्र छात्राओं को बैठने के लिए लाइब्रेरी में पर्याप्त मात्रा में कुर्सी नहीं है. विश्वविद्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जिससे छात्र छात्राओं के पठन-पाठन में काफी व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए टॉयलेट की भी व्यवस्था ठीक नहीं है.' छात्र नेता ने लिखा है कि 'महामहिम राष्ट्रपति महोदया, माननीय प्रधानमंत्री महोदय और महामहिम राज्यपाल महोदया आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लें. अन्यथा समस्त छात्र-छात्राएं बड़े आंदोलन करने को बाध्य होंगे.'

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