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प्रयागराज: बैंक ऑफ इंडिया घोटाला मामले में सीबीआई करेगी जांच

बैंक आफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा के करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ के घोटाले की जांच अब सीबीआई की क्राइम ब्रांच टीम करेगी. घोटाले में करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्र, संजू मिश्र आदि के खिलाफ 3 जुलाई 2019 को धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

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जानकारी देते अधिवक्ता.
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Published : Feb 26, 2020, 7:47 PM IST

प्रयागराज: जिले में बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा के करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. बता दें कि तीन करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आरबीआई के 1 जुलाई 2016 को जारी सर्कुलर के आधार पर यह संस्तुति की गई है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी. कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता.

बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने की. अपर मुख्य सचिव गृह के हलफ़नामे के बाद याचिका निस्तारित कर दी गई है.

इसे भी पढ़ें:- फर्जी दस्तावेज मामले में सपा सांसद आजम खान पत्नी और बेटे समेत भेजे गए जेल

याची अधिवक्ता मनोज वशिष्ठ का कहना है कि आरबीआई की गाइडलाइन के विपरीत घोटाले की जांच धूमनगंज पुलिस द्वारा कराई जा रही है. याचिका में जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी. घोटाले में करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्र, संजू मिश्र आदि के खिलाफ 3 जुलाई 2019 को धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अब इस घोटाले की सीबीआई जांच होगी.

प्रयागराज: जिले में बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा के करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. बता दें कि तीन करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आरबीआई के 1 जुलाई 2016 को जारी सर्कुलर के आधार पर यह संस्तुति की गई है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी. कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता.

बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने की. अपर मुख्य सचिव गृह के हलफ़नामे के बाद याचिका निस्तारित कर दी गई है.

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याची अधिवक्ता मनोज वशिष्ठ का कहना है कि आरबीआई की गाइडलाइन के विपरीत घोटाले की जांच धूमनगंज पुलिस द्वारा कराई जा रही है. याचिका में जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी. घोटाले में करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्र, संजू मिश्र आदि के खिलाफ 3 जुलाई 2019 को धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अब इस घोटाले की सीबीआई जांच होगी.

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