ETV Bharat / state

नहीं दे सकते गैर वित्तीय सहायता प्राप्त काॅलेज की संविदा सेवा को लागू करने का समादेश : हाईकोर्ट - इलाहाबाद हाईकोर्ट की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने ऑर्मी पब्लिक स्कूल, फतेहगढ़ जिला फरुखाबाद की अध्यापिका कादंबरी की याचिका पर दिया है.

गैर वित्तीय सहायता प्राप्त काॅलेज की संविदा सेवा को लागू करने का समादेश नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट
गैर वित्तीय सहायता प्राप्त काॅलेज की संविदा सेवा को लागू करने का समादेश नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jul 29, 2021, 7:35 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्राइवेट गैर वित्त पोषित शिक्षण संस्थान के खिलाफ समादेश याचिका जारी नहीं की जा सकती. हाईकोर्ट ऐसे संस्थान की सेवा संविदा को लागू करने का निर्देश नहीं दे सकती. कोर्ट ने स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट के तहत राहत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.

यह भी पढ़ें : सात वर्ष से कम की सजा की धाराओं में गिरफ्तारी के रूटीन तरीके न अपनाए पुलिस : हाईकोर्ट

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने ऑर्मी पब्लिक स्कूल, फतेहगढ़ जिला फरुखाबाद की अध्यापिका कादंबरी की याचिका पर दिया है. इस मामले में अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने आपत्ति की कि सुप्रीम कोर्ट ने वैश डिग्री काॅलेज शामली केस में स्पष्ट कहा है कि व्यक्तिगत सेवा संविदा को याचिका से लागू नहीं कराया जा सकता.

इसके लिए बने कानूनों का सहारा लिया जा सकता है. याचिका में वर्षों से संविदा पर कार्यरत अध्यापक को स्थाई करने की मांग की गई थी. इसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह कॉलेज और अध्यापक के बीच का प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट है जिसको हाईकोर्ट द्वारा समा देश के द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्राइवेट गैर वित्त पोषित शिक्षण संस्थान के खिलाफ समादेश याचिका जारी नहीं की जा सकती. हाईकोर्ट ऐसे संस्थान की सेवा संविदा को लागू करने का निर्देश नहीं दे सकती. कोर्ट ने स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट के तहत राहत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.

यह भी पढ़ें : सात वर्ष से कम की सजा की धाराओं में गिरफ्तारी के रूटीन तरीके न अपनाए पुलिस : हाईकोर्ट

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने ऑर्मी पब्लिक स्कूल, फतेहगढ़ जिला फरुखाबाद की अध्यापिका कादंबरी की याचिका पर दिया है. इस मामले में अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने आपत्ति की कि सुप्रीम कोर्ट ने वैश डिग्री काॅलेज शामली केस में स्पष्ट कहा है कि व्यक्तिगत सेवा संविदा को याचिका से लागू नहीं कराया जा सकता.

इसके लिए बने कानूनों का सहारा लिया जा सकता है. याचिका में वर्षों से संविदा पर कार्यरत अध्यापक को स्थाई करने की मांग की गई थी. इसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह कॉलेज और अध्यापक के बीच का प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट है जिसको हाईकोर्ट द्वारा समा देश के द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.