प्रयागराजः अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ दरिंदगी की जांच अब एसटीएफ को सौंप दी गई है. बुधवार को इस मामले की जांच की प्रगति पर रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करते हुए यह जानकारी जांच एजेंसी की ओर से दी गई. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ कर रही है. इससे पूर्व अदालत ने घटना पर स्वत संज्ञान लेते हुए घटना की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. एसटीएफ के डिप्टी एसपी और अन्य आधिकारी अदालत में पेश हुए. शासकीय अधिवक्ता एके संड ने बताया कि पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट ने दर्ज कर लिया है. कांस्टेबल पर कुछ लोगों ने पीछे से हमला किया था. उनकी पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं, जल्दी सफलता मिलेगी. एसटीएफ हमलावरों का मोटिव पता लगाने में जुटी है. इलेक्ट्रॉनिक सर्वलेंस की भी मदद ली जा रही है.
गौरतलब है कि सरयू एक्सप्रेस में सवार महिला सिपाही के साथ 29 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में हैवानियत हुई थी. पीड़ित महिला सिपाही बेहोशी की हालत में ट्रेन में खून से लथपथ पाई गई थी. हालत गंभीर होने की वजह से महिला सिपाही को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था. महिला सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. सुल्तानपुर में तैनात महिला सिपाही की ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी थी. मनकापुर से अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन में वारदात को अंजाम दिए जाने का शक है. अधिवक्ता राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को पत्र देकर उनसे इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 9 अक्टूबर की तारीख नियत की है.