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हाईकोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट मामले में मुख्तार के साले को राहत देने से किया इंकार

मुख्तार के साले को गैंगस्टर एक्ट केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने अधीनस्थ अदालत में जमानत अर्जी देने को कहा है.

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मुख्तार के साले को गैंगस्टर एक्ट केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं
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Published : Aug 24, 2022, 8:24 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के साले शरजील रजा उर्फ आतिफ रजा के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में राहत देने से इंकार करते हुए मुकदमे में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अधीनस्थ अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है. कोर्ट ने उसके इलाज के लिए चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने की उम्मीद जताई है. यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी (Justice MC Tripathi) एवं न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार (Justice Gajendra Kumar) की खंडपीठ ने दिया है.


खंडपीठ ने गिरोहबंद कानून के तहत मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज प्राथमिकी के विरुद्ध दाखिल याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया है. याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय का कहना था कि याची के खिलाफ केवल एक केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जबकि वह किसी गैंग का सदस्य नहीं है. जो आपराधिक केस में जमानत पर रिहा है.

यह भी पढ़ें-आदि विश्वेश्वर मंदिर मस्जिद विवाद मामले की 26 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

बहस के बाद प्राथमिकी को रद्द करने की मांग पर बल न देते हुए कहा कि याची नियमानुसार जमानत अर्जी दाखिल करेगा. सह अभियुक्त रवींद्र नारायण सिंह को जमानत मिल चुकी है. अन्य सह अभियुक्त अफशां अंसारी (Afshan Ansari) की याचिका खारिज हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी एसएलपी निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट में पुनर्विचार अर्जी देने की छूट दी है. यह भी कहा गया कि याची कैंसर से पीड़ित है. उसके इलाज की व्यवस्था की जाए. इस पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी.

यह भी पढ़ें- कुत्ते को भगवान की पोशाक पहनाने वाले पर रासुका लगाने की मांग

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के साले शरजील रजा उर्फ आतिफ रजा के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में राहत देने से इंकार करते हुए मुकदमे में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अधीनस्थ अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है. कोर्ट ने उसके इलाज के लिए चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने की उम्मीद जताई है. यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी (Justice MC Tripathi) एवं न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार (Justice Gajendra Kumar) की खंडपीठ ने दिया है.


खंडपीठ ने गिरोहबंद कानून के तहत मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज प्राथमिकी के विरुद्ध दाखिल याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया है. याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय का कहना था कि याची के खिलाफ केवल एक केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जबकि वह किसी गैंग का सदस्य नहीं है. जो आपराधिक केस में जमानत पर रिहा है.

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बहस के बाद प्राथमिकी को रद्द करने की मांग पर बल न देते हुए कहा कि याची नियमानुसार जमानत अर्जी दाखिल करेगा. सह अभियुक्त रवींद्र नारायण सिंह को जमानत मिल चुकी है. अन्य सह अभियुक्त अफशां अंसारी (Afshan Ansari) की याचिका खारिज हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी एसएलपी निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट में पुनर्विचार अर्जी देने की छूट दी है. यह भी कहा गया कि याची कैंसर से पीड़ित है. उसके इलाज की व्यवस्था की जाए. इस पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी.

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