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अतीक के वकील काे सजा मिलने के बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का बड़ा फैसला, मेंबर बनाने से पहले होगी जांच - माफिया अतीक अहमद

उमेश पाल अपहरण मामले में बाहुबली अतीक अहमद के वकील को भी आजीवन कारावास की सजा मिली है. ऐसे में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने किसी भी वकील को सदस्य बनाने से पहले पूरी जांच कराने का फैसला लिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कड़े किए नियम.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कड़े किए नियम.
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Published : Apr 6, 2023, 7:47 PM IST

प्रयागराज : उमेश पाल अपहरण केस में 28 मार्च को बाहुबली अतीक अहमद के साथ ही उसके वकील खान सौलत हनीफ को भी एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अतीक के वकील पर लगे आरोप सही पाए गए थे. इस फैसले के बाद वकीलों की छवि को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. इसे देखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बड़ा फैसला लिया है. अब एसोसिएशन में किसी वकील के शामिल होने से पहले उसकी गहनता से जांच कराई जाएगी, जिससे आपराधिक किस्म के लोगों को वकालत के पेशे में आने से रोका जा सके.

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महामंत्री नितिन शर्मा का कहना है कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में किसी भी अधिवक्ता को शामिल करने से पहले उससे शपथ पत्र लिया जाता रहा है. इसमें सम्बन्धित को लिखकर देना होता है कि उसके खिलाफ किसी भी तरह का आपराधिक केस नहीं दर्ज है. बार एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन से पहले किसी भी तरह का आपराधिक मुकदमा दर्ज है तो उस व्यक्ति को मेम्बरशिप नहीं दी जाती है. अब वकालत की डिग्री लेने के बाद कोई भी व्यक्ति झूठी जानकारी या गलत हलफनामा देकर बार का मेम्बर बन भी जाता है तो उसके खिलाफ बार की तरफ से कार्रवाई की जाएगी.

28 मार्च को अतीक अहमद के वकील को कोर्ट ने सजा सुनाई. अधिवक्ता को अतीक के साथ ही अपहरण के मामले में दोषी माना गया. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अब मेम्बर बनाने से पहले शपथपत्र की जांच गहनता से करने का फैसला लिया है. एसोसिएशन के महामंत्री ने बताया कि उनका मकसद है कि जिसके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज न हो वही वकालत के पेशे में आए. उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति ने शपथपत्र में गलत जानकारी देकर सदस्यता हासिल कर भी ली तो बाद में उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी. इसके साथ ही सदस्यता के लिए आवेदन करने वालों का अब इंटरव्यू भी लिया जाएगा. मेम्बरशिप के लिए आवेदन करने वालों से उनके बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी. इसके लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से एक कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी जांच-पड़ताल करके मेम्बरशिप के लिए हरी झंडी देगी.

यह भी पढ़ें : माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज, अब हाईकोर्ट में करेगी अपील

प्रयागराज : उमेश पाल अपहरण केस में 28 मार्च को बाहुबली अतीक अहमद के साथ ही उसके वकील खान सौलत हनीफ को भी एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अतीक के वकील पर लगे आरोप सही पाए गए थे. इस फैसले के बाद वकीलों की छवि को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. इसे देखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बड़ा फैसला लिया है. अब एसोसिएशन में किसी वकील के शामिल होने से पहले उसकी गहनता से जांच कराई जाएगी, जिससे आपराधिक किस्म के लोगों को वकालत के पेशे में आने से रोका जा सके.

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महामंत्री नितिन शर्मा का कहना है कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में किसी भी अधिवक्ता को शामिल करने से पहले उससे शपथ पत्र लिया जाता रहा है. इसमें सम्बन्धित को लिखकर देना होता है कि उसके खिलाफ किसी भी तरह का आपराधिक केस नहीं दर्ज है. बार एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन से पहले किसी भी तरह का आपराधिक मुकदमा दर्ज है तो उस व्यक्ति को मेम्बरशिप नहीं दी जाती है. अब वकालत की डिग्री लेने के बाद कोई भी व्यक्ति झूठी जानकारी या गलत हलफनामा देकर बार का मेम्बर बन भी जाता है तो उसके खिलाफ बार की तरफ से कार्रवाई की जाएगी.

28 मार्च को अतीक अहमद के वकील को कोर्ट ने सजा सुनाई. अधिवक्ता को अतीक के साथ ही अपहरण के मामले में दोषी माना गया. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अब मेम्बर बनाने से पहले शपथपत्र की जांच गहनता से करने का फैसला लिया है. एसोसिएशन के महामंत्री ने बताया कि उनका मकसद है कि जिसके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज न हो वही वकालत के पेशे में आए. उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति ने शपथपत्र में गलत जानकारी देकर सदस्यता हासिल कर भी ली तो बाद में उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी. इसके साथ ही सदस्यता के लिए आवेदन करने वालों का अब इंटरव्यू भी लिया जाएगा. मेम्बरशिप के लिए आवेदन करने वालों से उनके बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी. इसके लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से एक कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी जांच-पड़ताल करके मेम्बरशिप के लिए हरी झंडी देगी.

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