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संगम नगरी में विहिप के शिविर के लिए हुआ भूमि पूजन, 22 जनवारी को लगेगी प्रभु श्री राम की भव्य प्रतिमा

विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) की तरफ से संगम नगरी के माघ मेले (Sangam Nagri Magh Mela) में शिविर के लिए भूमि पूजन किया गया. इस शिविर में अयोध्या से आने वाले श्रद्धालुओं के रहने और खाने का भी इंतजाम किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 7:24 PM IST

विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष ने बताया.

प्रयागराजः संगम नगरी में गंगा की रेती पर लगने वाले माघ मेला में इस साल भी विश्व हिंदू परिषद की तरफ से शिविर के लिए भूमि पूजन किया गया. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए विहिप के शिविर में भी अतिरिक्त तैयारियां की गयी हैं. इस शिविर में अयोध्या से आने वाले श्रद्धालुओं के रहने खाने के लिए अलग से इंतजाम किया गया है. साथ ही विश्व हिंदू परिषद के इस शिविर में संत सम्मेलन का भी अयोजन किया जाएगा. प्रयागराज मेला प्राधिकरण की तरफ से विहिप को परेड ग्राउंड में जहां पर जगह आवंटित की गयी है, उस स्थान पर मंगलवार को स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की मौजूदगी में विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया गया.

अयोध्या से होकर प्रयागराज आएंगे श्रद्धालु
इस भूमि पूजन के कार्यक्रम में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के साथ ही अखाड़ों के प्रतिनिधि और साधु संतों के साथ विहिप के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. इस कैंप में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की वजह से विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं. विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष केपी सिंह ने बताया कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजा पाठ करने आएंगे. जिसमें तमाम श्रद्धालु ऐसे होंगे जो प्रयागराज और काशी भी दर्शन करने जाएंगे. 22 जनवरी के बाद से लगातार अयोध्या से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. अयोध्या से आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज के माघ मेला में आकर संगम में स्नान और साधु संतों के साथ ही धार्मिक स्थलों पर जाकर दर्शन पूजन करेंगे.

साधु संतों के साथ मिलकर किया गया भूमि पूजन
माघ मेले में विश्व हिंदू परिषद के शिविर की स्थापना के बाद आने वाले दिनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. इस बार माघ मेले में विश्व हिंदू परिषद के शिविर में प्रभु श्रीराम के मंदिर का मॉडल नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इसी कारण इस बार के माघ मेले में राम मंदिर के मॉडल की जगह पर प्रभु श्री राम की भव्य प्रतिमा लगायी जाएगी. इसके साथ ही प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े कई प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे, जिसमें साधु संतों के राम मंदिर आंदोलन में दिए गए योगदान से लेकर भविष्य तक की कार्य योजनाओं पर भी मंथन किया जाएगा.

शिविर में राम मंदिर के निर्माण बनी रणनीति
संगम तट पर लगने वाले माघ और कुंभ मेले में हर साल विहिप के शिविर में राम मंदिर के आंदोलन को लेकर साधु संत सम्मेलन के जरिए अपनी आवाज बुलंद करते थे, लेकिन अब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर लगभग बनकर तैयार हो रहा है तो ऐसे में 22 जनवरी को विहिप के इस शिविर में भी कई प्रकार के आयोजन किए जाएंगे.

यह भी पढ़ें- 21 जनवरी ऐतिहासिक: गर्भगृह में स्थापना से पहले भगवान राम का एक बच्चे की तरह होगा पूरा कार्यक्रम

यह भी पढ़ें- लखनऊ के नामी निजी अस्पताल में मनमानी, मरीज के परिजनों ने बनाया VIDEO, बोले- ये फर्जी बिल बनाते हैं

विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष ने बताया.

प्रयागराजः संगम नगरी में गंगा की रेती पर लगने वाले माघ मेला में इस साल भी विश्व हिंदू परिषद की तरफ से शिविर के लिए भूमि पूजन किया गया. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए विहिप के शिविर में भी अतिरिक्त तैयारियां की गयी हैं. इस शिविर में अयोध्या से आने वाले श्रद्धालुओं के रहने खाने के लिए अलग से इंतजाम किया गया है. साथ ही विश्व हिंदू परिषद के इस शिविर में संत सम्मेलन का भी अयोजन किया जाएगा. प्रयागराज मेला प्राधिकरण की तरफ से विहिप को परेड ग्राउंड में जहां पर जगह आवंटित की गयी है, उस स्थान पर मंगलवार को स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की मौजूदगी में विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया गया.

अयोध्या से होकर प्रयागराज आएंगे श्रद्धालु
इस भूमि पूजन के कार्यक्रम में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के साथ ही अखाड़ों के प्रतिनिधि और साधु संतों के साथ विहिप के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. इस कैंप में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की वजह से विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं. विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष केपी सिंह ने बताया कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजा पाठ करने आएंगे. जिसमें तमाम श्रद्धालु ऐसे होंगे जो प्रयागराज और काशी भी दर्शन करने जाएंगे. 22 जनवरी के बाद से लगातार अयोध्या से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. अयोध्या से आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज के माघ मेला में आकर संगम में स्नान और साधु संतों के साथ ही धार्मिक स्थलों पर जाकर दर्शन पूजन करेंगे.

साधु संतों के साथ मिलकर किया गया भूमि पूजन
माघ मेले में विश्व हिंदू परिषद के शिविर की स्थापना के बाद आने वाले दिनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. इस बार माघ मेले में विश्व हिंदू परिषद के शिविर में प्रभु श्रीराम के मंदिर का मॉडल नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इसी कारण इस बार के माघ मेले में राम मंदिर के मॉडल की जगह पर प्रभु श्री राम की भव्य प्रतिमा लगायी जाएगी. इसके साथ ही प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े कई प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे, जिसमें साधु संतों के राम मंदिर आंदोलन में दिए गए योगदान से लेकर भविष्य तक की कार्य योजनाओं पर भी मंथन किया जाएगा.

शिविर में राम मंदिर के निर्माण बनी रणनीति
संगम तट पर लगने वाले माघ और कुंभ मेले में हर साल विहिप के शिविर में राम मंदिर के आंदोलन को लेकर साधु संत सम्मेलन के जरिए अपनी आवाज बुलंद करते थे, लेकिन अब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर लगभग बनकर तैयार हो रहा है तो ऐसे में 22 जनवरी को विहिप के इस शिविर में भी कई प्रकार के आयोजन किए जाएंगे.

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