ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने गृह सचिव से मांगा जवाब, प्रदेश भर में क्यों की जा रही रिटायर पुलिस कर्मियों से वसूली? - Head Constable Ram Ghulam petition

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग के अवकाश प्राप्त कर्मचारियों को अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली पर रोक लगा दी है.

etv bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Aug 31, 2022, 10:06 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पुलिस विभाग के अवकाश प्राप्त कर्मचारियों को अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सचिव गृह से पूछा है कि क्या वजह है कि अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली कर्मचारी के रिटायर होने के बाद की जाती है. अधिकारियो को भी पता है कि रिटायर होने के बाद वेतन से वसूली पर न्यायलय की रोक है.

अवकाश प्राप्त हेड कांस्टेबल राम गुलाम की याचिका (Head Constable Ram Ghulam petition) पर न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने सुनवाई की. याची के अधिवक्ता निर्भय गिरी का कहना था कि याची के सेवा काल में उसके वेतन का गलत निर्धारण किया गया. याची 30 नवम्बर 21 को रिटायर हुआ. इसके बाद उसे एक अगस्त 2007 से भुगतान किए गए अतरिक्त वेतन की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया.

यह भी पढ़ें- उप्र के 21 जिला जज इधर से उधर किए गए

कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष इस तरह के मामले लगातार आ रहे हैं. जब गलत वेतन निर्धारण के बाद पुलिस विभाग दस से बीस साल तक बढ़ा वेतन भुगतान करता है और कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसकी वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. ऐसे मामलों में रिटायर होने के बाद वेतन वसूली पर कोर्ट की रोक है. अदालत ने सचिव गृह को इस मामले में दस दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगले आदेश तक याची से वसूली करने पर रोक लगा दी है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पुलिस विभाग के अवकाश प्राप्त कर्मचारियों को अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सचिव गृह से पूछा है कि क्या वजह है कि अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली कर्मचारी के रिटायर होने के बाद की जाती है. अधिकारियो को भी पता है कि रिटायर होने के बाद वेतन से वसूली पर न्यायलय की रोक है.

अवकाश प्राप्त हेड कांस्टेबल राम गुलाम की याचिका (Head Constable Ram Ghulam petition) पर न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने सुनवाई की. याची के अधिवक्ता निर्भय गिरी का कहना था कि याची के सेवा काल में उसके वेतन का गलत निर्धारण किया गया. याची 30 नवम्बर 21 को रिटायर हुआ. इसके बाद उसे एक अगस्त 2007 से भुगतान किए गए अतरिक्त वेतन की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया.

यह भी पढ़ें- उप्र के 21 जिला जज इधर से उधर किए गए

कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष इस तरह के मामले लगातार आ रहे हैं. जब गलत वेतन निर्धारण के बाद पुलिस विभाग दस से बीस साल तक बढ़ा वेतन भुगतान करता है और कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसकी वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. ऐसे मामलों में रिटायर होने के बाद वेतन वसूली पर कोर्ट की रोक है. अदालत ने सचिव गृह को इस मामले में दस दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगले आदेश तक याची से वसूली करने पर रोक लगा दी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.