प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लॉकडाउन में आर्थिक सहायता करने वाली संस्थाओं द्वारा सहायता लेने वाले किसी भी अधिवक्ता का नाम सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि सहायता देने के लिए अलग से बनाए गए एकाउन्ट का संबंधित अदालतों के निर्देश पर प्राइवेट एडिटर से ऑडिट कराया जाएगा.
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ताओं एवं पंजीकृत अधिवक्ता लिपिकों की आर्थिक मदद के लिए कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. अवध बार एसोसिएशन की अर्जी पर 20 अप्रैल को पारित आदेश में एसोसिएशन के नाम में शुद्धि को भी कोर्ट ने मंजूरी दी है. साथ ही यह दो महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं ताकि अधिवक्ताओं की सहायता को प्रचार का जरिया न बनाया जा सके.