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Mahant Narendra Giri suicide case : मुकदमा लिखवाने वाले अमर गिरि और पवन महाराज के खिलाफ जमानती वारंट जारी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में केस दर्ज करवाने वाले पिछली कई सुनवाई से कोर्ट में हाजिर ही नहीं हो रहे हैं. इस मुकदमे में महंत के शिष्य आनंद गिरि समेत तीन लोग आरोपी बनाए गए हैं. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए तिथि तय कर दी है.

प्रयागराज.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 11, 2023, 9:55 PM IST

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद मुकदमा लिखवाने वाले अमर गिरि और पवन महाराज के खिलाफ जनपद न्यायालय से जमानती वारंट जारी किया गया है. क्योंकि दोनों वादी मुकदमा पिछली कई सुनवाई से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं. इस कारण मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट ने दोनों को जमानती वारंट जारी कर अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है. साथ ही अगली सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तारीख तय कर दी है.

प्रयागराज.
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20 सितम्बर 2021 को मिला था महंत नरेंद्र गिरि का शव: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितम्बर 2021 को बाघंबरी मठ के विश्राम कक्ष में फंदे से लटकता हुआ मिला था. जिसके बाद मठ में रहने वाले नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि और पवन महाराज की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. इस एफआईआर में आनंद गिरि के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया था. इन तीनों पर आरोप है कि उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल किया था, जिसकी वजह से उन्होंने सुसाइड कर लिया.

13 पन्नों का मिला सुसाइड लेटर : मौत के वक्त महंत नरेंद्र गिरि के पास से 13 पन्नों का सुसाइड लेटर मिला था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि उनके शिष्य आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी इसके लिए जिम्मेदार हैं. नोट में उन्होंने लिखा कि आनंद गिरि किसी महिला के साथ कम्प्यूटर के जरिए उनकी तस्वीर-वीडियो बनाकर बदनाम कर सकते हैं. बदनामी के डर से उन्होंने 20 सितम्बर को मठ के अपने विश्राम कक्ष में फांसी लगाकर जान दे दी थी.

आनंद गिरि समेत तीन लोग पकड़े गए : 21 सितम्बर को आनंद गिरि समेत तीन लोग इस मामले में पकड़े गए थे. हरिद्वार से आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि पुजारियों आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वहीं इस घटना की जांच करने वाली सीबीआई ने भी आनंद गिरि समेत पकड़े गए तीनों आरोपियों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी बताया है.

सुनवाई पर नहीं पहुंच रहे हैं केस दर्ज करवाने वाले महंत : नरेंद्र गिरि की मौत के बाद पुजारी पवन महाराज और स्वामी अमर गिरि की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करवाया गया था. लेकिन जब मामले की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो वादी मुकदमा अमर गिरि के साथ ही पवन महाराज कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं. जिसके बाद जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने कोर्ट से मांग की कि उन्हें सुनवाई के दौरान कोर्ट में गवाही के लिए बुलाया जाए. क्योंकि वादी मुकदमा लगातार कई तारीखों से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं. जिसके बाद जिला जज संतोष राय ने गवाही देने के लिए कोर्ट में न पहुंचने वाले दोनों वादी मुकदमा के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें अगली सुनवाई पर उपस्थित सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है. मंगलवार को केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट में डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने उन्हें गिरफ्तार कर गवाही के लिए कोर्ट में लाए जाने की मांग की थी.जिसके बाद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन नवंबर तय कर दी. तीन नवंबर को दोनों वादी कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो कोर्ट उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की कार्यवाई कर सकती हैं.

यह भी पढ़ें : महंत नरेंद्र गिरि का गनर मामूली सिपाही से बना अकूत संपत्ति का मालिक, अब केस दर्ज

यह भी पढ़ें : महंत नरेंद्र गिरी के कमरे से मिला 3 करोड़ कैश, जेवर और एक हजार किलो देशी घी

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद मुकदमा लिखवाने वाले अमर गिरि और पवन महाराज के खिलाफ जनपद न्यायालय से जमानती वारंट जारी किया गया है. क्योंकि दोनों वादी मुकदमा पिछली कई सुनवाई से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं. इस कारण मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट ने दोनों को जमानती वारंट जारी कर अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है. साथ ही अगली सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तारीख तय कर दी है.

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20 सितम्बर 2021 को मिला था महंत नरेंद्र गिरि का शव: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितम्बर 2021 को बाघंबरी मठ के विश्राम कक्ष में फंदे से लटकता हुआ मिला था. जिसके बाद मठ में रहने वाले नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि और पवन महाराज की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. इस एफआईआर में आनंद गिरि के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया था. इन तीनों पर आरोप है कि उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल किया था, जिसकी वजह से उन्होंने सुसाइड कर लिया.

13 पन्नों का मिला सुसाइड लेटर : मौत के वक्त महंत नरेंद्र गिरि के पास से 13 पन्नों का सुसाइड लेटर मिला था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि उनके शिष्य आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी इसके लिए जिम्मेदार हैं. नोट में उन्होंने लिखा कि आनंद गिरि किसी महिला के साथ कम्प्यूटर के जरिए उनकी तस्वीर-वीडियो बनाकर बदनाम कर सकते हैं. बदनामी के डर से उन्होंने 20 सितम्बर को मठ के अपने विश्राम कक्ष में फांसी लगाकर जान दे दी थी.

आनंद गिरि समेत तीन लोग पकड़े गए : 21 सितम्बर को आनंद गिरि समेत तीन लोग इस मामले में पकड़े गए थे. हरिद्वार से आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि पुजारियों आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वहीं इस घटना की जांच करने वाली सीबीआई ने भी आनंद गिरि समेत पकड़े गए तीनों आरोपियों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी बताया है.

सुनवाई पर नहीं पहुंच रहे हैं केस दर्ज करवाने वाले महंत : नरेंद्र गिरि की मौत के बाद पुजारी पवन महाराज और स्वामी अमर गिरि की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करवाया गया था. लेकिन जब मामले की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो वादी मुकदमा अमर गिरि के साथ ही पवन महाराज कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं. जिसके बाद जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने कोर्ट से मांग की कि उन्हें सुनवाई के दौरान कोर्ट में गवाही के लिए बुलाया जाए. क्योंकि वादी मुकदमा लगातार कई तारीखों से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं. जिसके बाद जिला जज संतोष राय ने गवाही देने के लिए कोर्ट में न पहुंचने वाले दोनों वादी मुकदमा के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें अगली सुनवाई पर उपस्थित सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है. मंगलवार को केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट में डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने उन्हें गिरफ्तार कर गवाही के लिए कोर्ट में लाए जाने की मांग की थी.जिसके बाद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन नवंबर तय कर दी. तीन नवंबर को दोनों वादी कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो कोर्ट उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की कार्यवाई कर सकती हैं.

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