प्रयागराज: राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद संतों में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने महाराज कहा कि राम मंदिर का निर्माण रामालय ट्रस्ट ही करेगा. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर बनाए गए रामालय ट्रस्ट को जिम्मेदारी नहीं मिली तो हम सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ेंगे.जगत गुरु महाराज स्वामी स्वरूपानंद महाराज के नेतृत्व में रामालय ट्रस्ट का गठन इसलिए किया गया ताकि राम जन्मभूमि में भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो. मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार को रामालय ट्रस्ट को देनी होगी. रामालय ट्रस्ट सभी जगतगुरु, धर्माचार्य और 13 अखाड़ों को मिलाकर बनाया गया है.
सभी जगद्गुरु से बना है रामालय ट्रस्ट
मीडिया से बात करते हुए रामालय ट्रस्ट के महराज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बताया कि 1993 एक्ट के अनुसार जो भी ट्रस्ट बनाया गया हो और पूर्ण सक्षम हो उसे ही यह जिम्मेदारी दी जाए. इसलिए रामालय ट्रस्ट सभी ट्रस्टों से सक्षम है. यह ट्रस्ट सभी जगद्गुरु, धर्माचार्य और 13 अखाड़ों को मिलाकर बनाया गया है. इसलिए केंद्र सरकार रामालय ट्रस्ट को इसकी जिम्मेदारी देगी. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर ही इस ट्रस्ट को बनाया गया है. सनातन धर्म के जितने भी बड़े जगतगुरु और धर्माचार्य है वह सब रामालय ट्रस्ट में हैं.
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि अगर सरकार किसी दूसरे ट्रस्ट को मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी देती है तो रामालय ट्रस्ट के सभी सदस्य और महंत सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. रामालय ट्रस्ट शुरू से ही रामन्दिर निर्माण को लेकर आगे आया है. रामालय ट्रस्ट ने रामलला के भव्य मंदिर निर्माण की परिकल्पना भी की है.
मंदिर निर्माण तक बाल मंदिर में विराजेंगे भगवान राम
अविमुक्तेश्वरानंद महराज ने कहा कि मंदिर निर्माण तक बाल मंदिर का भी निर्माण हो इसका भी मॉडल तैयार किया गया है. जब तक स्थायी मंदिर का निर्माण होगा तब तक रामलला बाल मंदिर में विराजमान रहेंगे. मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. बाल मंदिर चंदन की लकड़ी से बनाया जाएगा. रामलला का सिंहासन सोने से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही अस्थाई मंदिर का भी मॉडल रामालय ट्रस्ट ने तैयार कर लिया है.