प्रयागराजः जाली नोटों के मामले में वांछित और 25 हजार रुपये के इनामी को एटीएस ने गिरफ्तार कर प्रयागराज पुलिस को सौंपा है. इनामी बदमाश जाली नोटों का सौदागर बताया जा रहा है. पुलिस के अनुसार आरोपी जाली नोटों के मामले में 2019 के कुंभ के बाद से वांछित था. साथ ही प्रयागराज के दारागंज थाने से 25 हजार का इनामी भी था. आरोपी के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.
कुंभ में खपाए थे जाली नोट
कोतवाल जेपी शाही ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम राहुल यादव है. वह बिहार का रहने वाल है. एटीएस ने उसे सोमवार को वाराणसी के लंका क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. राहुल यादव 2019 कुंभ में प्रयागराज आया था. यहां उसने अपने पश्चिम बंगाल में रहने वाले साथी बप्पा से संपर्क किया था. दोनों ने साथ मिलकर कुंभ में जाली नोट खपाने की योजना बना डाली.
एटीएस को लगी भनक
2019 के कुंभ में ही जाली नोटों के खेल की भनक एटीएस को लग गई. बप्पा जाली नोटों की दूसरी खेप लेने जा पाता, उसके पहले एटीएस ने दारागंज थाना क्षेत्र के अलोपीबाग चौराहे से बप्पा को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार होने के बाद इसकी भनक राहुल को लग गई और और वह मेले से गायब हो गया लेकिन तब तक बप्पा से राहुल की फोटो मिल चुकी थी.
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5 साल से कर रहा था जाली नोटों का कारोबार
जेपी शाही के अनुसार बप्पा की गिरफ्तारी के समय से ही एटीएस और दारागंज पुलिस को राहुल की तलाश थी. एटीएस को मुखबिर से खबर लगी कि राहुल किसी काम से वाराणसी आया हुआ है. ये वहां से निकल पाता, उससे पहले एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. राहुल से कड़ाई से पूछताछ के बाद पता चला की वह पांच वर्षों से इस काले धंधे में लगा था. प्रयागराज समेत आसपास के जिलों में अपने गिरोह के सदस्यों के माध्यम से वह जाली नोट को नोट खपाता था. इसके जरिए उसने मोटी रकम अर्जित कर ली थी. अपने सदस्यों को एक हजार जाली नोट के बदले 100 रुपये कमीशन देता था. जाली नोट शराब की दुकान, फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों में चलाए जाते थे. जाली नोट राहुल पश्चिम बंगाल से मंगवाता था. 1 लाख के जाली नोट खरीदने की रकम 3 हजार होती थी, जो कैश होने के बाद राहुल और बप्पा दोनों बराबर बांटते थे. इस मोटी कमाई से राहुल ने करोड़ों रुपए जमा कर लिये थे.