प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ की हत्या की न्यायिक जांच करने वाली कमेटी की जांच अंतिम दौर में पहुंच गई है. साढ़े 6 महीने पहले 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद घटना की जांच के लिए सरकार ने पांच सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. इसके बाद न्यायिक जांच आयोग की तरफ से पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.
जुलाई में जांच आयोग की जांच का समय दो महीने तक बढ़ा दिया गया था. एक बार फिर से न्यायिक जांच आयोग की टीम प्रयागराज पहुंचकर अंतिम दौर की जांच को तेज गति से करके जांच पूरी करने में जुट गई है. मंगलवार को जांच आयोग के एक सदस्य सर्किट हाउस पहुंच गए हैं, जबकि अन्य सदस्य बुधवार को प्रयागराज पहुंच जाएंगे. जहां पर न्यायिक जांच आयोग की टीम जांच को पूरा करने में जुटी हुई है.
प्रयागराज के शाहगंज थाना क्षेत्र स्थित मोती लाल नेहरू मंडलीय हॉस्पिटल में मेडिकल के लिए लाए जाने के दौरान पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ को तीन शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके मौत के घाट उतार दिया था. पुलिस हिरासत में अतीक अशरफ को अस्पताल में लाए जाने के दौरान अस्पताल के अंदर प्रवेश करते समय ही मीडिया के भेष वाले तीन शूटरों ने फायरिंग करके मौके पर ही मौत की नींद सुला दिया था. अतीक अशरफ को मारने के बाद तीनों शूटरों ने मौके पर ही पिस्टल फेंककर सरेंडर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने मौके से ही तीनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद जेल भेज दिया गया था.
सरकार ने गठित की थी न्यायिक जांच कमेटी
उत्तर प्रदेश की सरकार ने अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पूरे घटना क्रम की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित कर दिया था. पांच सदस्यों वाले न्यायिक जांच आयोग में अध्यक्ष सहित कुल पांच सदस्य शामिल हैं. इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीबी भोषले के अलावा झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वीरेंद्र सिंह और जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी मेम्बर हैं. इसी के साथ रिटायर आईपीएस पूर्व डीजीपी सुबेष सिंह के साथ रिटायर जिला जज बृजेश सोनी भी मेम्बर हैं.
अंतिम दौर में पहुंची जांच
पांच सदस्यों वाली न्यायिक जांच आयोग की टीम ने अतीक और अशरफ की हत्या के वक्त मौके पर मौजूद लोगों से अलग-अलग कई राउंड में लंबी पूछताछ की. इसमें पुलिस वालों से लेकर पत्रकार और मेडिकलकर्मी तक भी शामिल हैं. इसी के साथ जांच आयोग ने मौके का सीसीटीवी फुटेज देखकर उस वक्त मौके पर मौजूद तमाम लोगों की पहचान करके उनसे भी घटना के बारे में पूछताछ की. यही नहीं बयान के समय पुलिस ने मीडिया वालों को घटना का सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया है. साथ ही सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे अन्य लोगों की पहचान भी बयान के जरिये करने का प्रयास किया है.
अतीक अशरफ की हत्या के बाद न्यायिक जांच आयोग की टीम पूरे मामले की जांच करने के लिए 20 अप्रैल को पहली बार प्रयागराज पहुंची थी. जहां पर आयोग ने अस्पताल में दोहरे हत्याकांड का सीन रिक्रिएशन भी करवाया था. इसके साथ ही न्यायिक जांच आयोग की टीम ने कई बार प्रयागराज आकर पूरे मामले की जांच की है. टीम घटना के वक्त मौजूद पुलिस, मीडिया और मेडिकलकर्मियों के साथ ही मौके पर मौजूद चश्मदीद लोगों से पूछताछ कर चुकी है. इस तरह से जांच आयोग की जांच अपने अंतिम दौर में पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि जांच आयोग ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है. लेकिन, शासन को जांच रिपोर्ट सौंपने से पहले एक बार फिर से आयोग के सदस्य पूरी जांच रिपोर्ट का पुनरीक्षण करके तब जांच रिपोर्ट सौपेंगे.
दो बार मिल चुका है समय
न्यायिक जांच आयोग की टीम ने पहली बार जांच शुरू की तो उनको जांच तीन महीने में पूरा करके जांच रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन, जुलाई में सरकार की तरफ से जांच आयोग को पुनः जांच पूरी करने के लिए दो महीने का समय दे दिया गया. इसके बाद न्यायिक जांच आयोग की टीम जांच पूरी करने में जुटी हुई थी. फिलहाल, न्यायिक जांच आयोग की टीम की जांच अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है और जांच आयोग की टीम एक बार फिर प्रयागराज पहुंच गई है. यहां पर वो पूरे घटनाक्रम की जांच को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है. जल्द ही जांच आयोग अतीक अशरफ की हत्या की जांच पूरी करके रिपोर्ट को शासन को सौंप देगी.
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