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प्रयागराज में आशा बहुओं का प्रदर्शन, कहा- मजदूरों से भी कम मिलता है मानदेय

यूपी के प्रयागराज में आशा बहुओं ने सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया. आशा बहुओं का आरोप है कि उन्हें एक मजदूर से भी कम मानदेय मिलता है.

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प्रयागराज में आशा बहुओं का प्रदर्शन.
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Published : Sep 14, 2020, 11:49 PM IST

प्रयागराज: जिले में सैकड़ों आशा बहुओं ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर घेराव किया. आशा बहुओं ने घंटों तक जिलाधिकारी कार्यालय गेट पर नारेबाजी की. आशा बहुओं का आरोप है कि उन्हें मजदूर से भी कम मजदूरी मिलती है. आशा बहुओं का कहना है कि इस कोरोना काल में इन्होंने काफी अपमान सहे और दो हजार मानदेय पर जान की बाजी लगाकर काम किया है, लेकिन अब अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.

प्रयागराज में आशा बहुओं का प्रदर्शन.

प्रयागराज में सोमवार का दिन धरना प्रदर्शन का दिन रहा. एक तरफ सपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया, तो वहीं दूसरी तरफ जिलाधिकारी कार्यालय पर आशा बहुओं से पूरा प्रांगण भरा रहा. हाथों में तख्ती लेकर आशा बहुएं जिला अधिकारी से मिलने की जिद पर अड़ी रहीं. इन आशा बहुओं का कहना है कि पूरे कोरोना काल में उनके साथ ज्यादती की गई. अस्पतालों में ड्यूटी करने के दौरान उनसे अभद्रता की गई. उनको एक मजदूर से भी कम मानदेय मिलता है, उसके बावजूद भी यह जान की बाजी लगाकर अपने कर्तव्य का निर्वाह करती हैं. आशा बहुओं का कहना है कि उन्हें न पैसा मिल रहा है, न सम्मान मिल रहा है.

आशा बहू रेखा यादव ने कहा कि हमारा मानदेय फिक्स किया जाए. हर बड़ा अधिकारी हमें केवल अपने नीचे का कर्मचारी समझकर काम लेता है. उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आशा बहुएं समाज की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जो महिलाओं की समस्याओं पर खरी उतरती है.

प्रयागराज: जिले में सैकड़ों आशा बहुओं ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर घेराव किया. आशा बहुओं ने घंटों तक जिलाधिकारी कार्यालय गेट पर नारेबाजी की. आशा बहुओं का आरोप है कि उन्हें मजदूर से भी कम मजदूरी मिलती है. आशा बहुओं का कहना है कि इस कोरोना काल में इन्होंने काफी अपमान सहे और दो हजार मानदेय पर जान की बाजी लगाकर काम किया है, लेकिन अब अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.

प्रयागराज में आशा बहुओं का प्रदर्शन.

प्रयागराज में सोमवार का दिन धरना प्रदर्शन का दिन रहा. एक तरफ सपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया, तो वहीं दूसरी तरफ जिलाधिकारी कार्यालय पर आशा बहुओं से पूरा प्रांगण भरा रहा. हाथों में तख्ती लेकर आशा बहुएं जिला अधिकारी से मिलने की जिद पर अड़ी रहीं. इन आशा बहुओं का कहना है कि पूरे कोरोना काल में उनके साथ ज्यादती की गई. अस्पतालों में ड्यूटी करने के दौरान उनसे अभद्रता की गई. उनको एक मजदूर से भी कम मानदेय मिलता है, उसके बावजूद भी यह जान की बाजी लगाकर अपने कर्तव्य का निर्वाह करती हैं. आशा बहुओं का कहना है कि उन्हें न पैसा मिल रहा है, न सम्मान मिल रहा है.

आशा बहू रेखा यादव ने कहा कि हमारा मानदेय फिक्स किया जाए. हर बड़ा अधिकारी हमें केवल अपने नीचे का कर्मचारी समझकर काम लेता है. उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आशा बहुएं समाज की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जो महिलाओं की समस्याओं पर खरी उतरती है.

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