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भूमि अधिग्रहण मामले में किसानों की 28 ए की अर्जी निस्तारित - high court news

सचिव राजस्व ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि प्रदेश के कुल 75 में 55 जिलों में किसानों की भूमि अधिग्रहण मामले में धारा 28 ए  की कोई अर्जी लंबित नहीं है.

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भूमि अधिग्रहण मामले में किसानों की 28- ए की अर्जी निस्तारित
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Published : May 23, 2022, 9:40 PM IST

प्रयागराज: सचिव राजस्व ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि प्रदेश के कुल 75 में 55 जिलों में किसानों की भूमि अधिग्रहण मामले में धारा 28 ए की कोई अर्जी लंबित नहीं है. कहा कि 20 जिलो में 4354 अर्जियां लंबित थी जिसका निस्तारण कर दिया गया है.

मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ ने बुलंदशहर के राजवीर सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाएं निस्तारित कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि उन सभी किसानों को जिनकी अर्जियों का निस्तारण कर दिया गया है उन्हें आदेश की प्रति भेजी जाए.

साथ ही बढ़े हुए मुआवजे की रकम को तीन माह के अंदर किसानों के बैंक खाते में भेज दिया जाए. अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने सरकार का पक्ष रखा. हाईकोर्ट ने बढा मुआवजा देने की मांग में दाखिल प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसानों की याचिकाओं पर धारा 28 ए के अंतर्गत दाखिल अर्जियों का समय से निपटारा न कर पाने पर नाराजगी जताई थी और सचिव राजस्व से इस संबंध में 10 मई से पहले हलफनामा मांगा था.

किसानों का कहना था कि उनकी अर्जियों का निस्तारण नहीं किया गया. मालूम हो कि भूमि अधिग्रहण कानून 1894 में धारा 28ए के तहत किसान अर्जी तब देता है जब एक ही अधिसूचना से बहुत सारी जमीनों का अधिग्रहण किया गया हो और कोर्ट ने उस अधिसूचना से संबंधित अन्य भूमि का मुआवजा बढ़ा कर देने का निर्देश दिया हो. कोर्ट के इस आदेश के बाद अन्य किसानों के लिए यह प्रावधान बना है कि वह भी धारा 28 ए भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत स्पेशल लैंड एक्विजिशन अधिकारी को अर्जी देकर अपनी भूमि का बढ़ा हुआ मुआवजा प्राप्त करें.

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प्रयागराज: सचिव राजस्व ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि प्रदेश के कुल 75 में 55 जिलों में किसानों की भूमि अधिग्रहण मामले में धारा 28 ए की कोई अर्जी लंबित नहीं है. कहा कि 20 जिलो में 4354 अर्जियां लंबित थी जिसका निस्तारण कर दिया गया है.

मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ ने बुलंदशहर के राजवीर सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाएं निस्तारित कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि उन सभी किसानों को जिनकी अर्जियों का निस्तारण कर दिया गया है उन्हें आदेश की प्रति भेजी जाए.

साथ ही बढ़े हुए मुआवजे की रकम को तीन माह के अंदर किसानों के बैंक खाते में भेज दिया जाए. अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने सरकार का पक्ष रखा. हाईकोर्ट ने बढा मुआवजा देने की मांग में दाखिल प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसानों की याचिकाओं पर धारा 28 ए के अंतर्गत दाखिल अर्जियों का समय से निपटारा न कर पाने पर नाराजगी जताई थी और सचिव राजस्व से इस संबंध में 10 मई से पहले हलफनामा मांगा था.

किसानों का कहना था कि उनकी अर्जियों का निस्तारण नहीं किया गया. मालूम हो कि भूमि अधिग्रहण कानून 1894 में धारा 28ए के तहत किसान अर्जी तब देता है जब एक ही अधिसूचना से बहुत सारी जमीनों का अधिग्रहण किया गया हो और कोर्ट ने उस अधिसूचना से संबंधित अन्य भूमि का मुआवजा बढ़ा कर देने का निर्देश दिया हो. कोर्ट के इस आदेश के बाद अन्य किसानों के लिए यह प्रावधान बना है कि वह भी धारा 28 ए भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत स्पेशल लैंड एक्विजिशन अधिकारी को अर्जी देकर अपनी भूमि का बढ़ा हुआ मुआवजा प्राप्त करें.

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