प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के सवाल गलत होने या पाठ्यक्रम से बाहर के होने के मुद्दे पर अपीलार्थियों से प्रश्न चिन्हित कर दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है. साथ ही सरकार को इस हलफनामे का दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. नियुक्ति प्रक्रिया पर हस्तक्षेप न करते हुए भर्ती के बचे पदों पर की जाने वाली नियुक्ति को अपील के निर्णय पर निर्भर करार दिया है. मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी.
यह आदेश न्यायाधीश मनोज मिश्र और न्यायाधीश दिनेश पाठक की खंडपीठ ने अभिषेक श्रीवास्तव व 14 अन्य सहित आधे दर्जन अभ्यर्थियों की अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता एनसी राजवंशी, संतोष कुमार त्रिपाठी व सत्येन्द्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की. अपील में एकलपीठ के 7 मई 2021 के फैसले को चुनौती दी गई है. एकलपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि प्रश्न के उत्तर सही हैं या गलत, प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर के हैं या नहीं, तथ्यात्मक सवालों को लेकर याचिका पोषणीय नहीं है. अपीलार्थियों का कहना है कि एकलपीठ का आदेश सही नहीं है. कोर्ट को याचिका सुनने का अधिकार है. कोर्ट ने अपीलार्थियों से उन प्रश्नों को चिन्हित कर हलफनामा देने को कहा है, जिन पर उनकी आपत्ति है.
ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका ग्राह्य नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 243ओ (बी) के अनुसार ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर केवल चुनाव याचिका ही दाखिल की जा सकती है. पुनर्मतगणना की मांग में अनुच्छेद 226 के अंतर्गत दाखिल याचिका पोषणीय नहीं है. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याची चुनाव याचिका दाखिल करें और सक्षम अधिकारी उसे एक साल के भीतर तय करें.
यह आदेश न्यायाधीश प्रकाश पाडिया ने कन्नौज जिले की फरिकापुर ग्राम पंचायत चुनाव गणना में धांधली के आरोप में दाखिल जाबिर की याचिका पर दिया है. सरकार की तरफ से याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की गई कि हाईकोर्ट को चुनाव को लेकर याचिका सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है. चुनाव में अनियमितता, पुनर्मतगणना आदि को लेकर केवल चुनाव याचिका ही दाखिल की जा सकती है. जिस पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.