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High Court News: शिष्या से रेप के मामले में स्वामी चिन्मयानंद की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर

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Published : Feb 6, 2023, 8:00 PM IST

हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है. बता दें कि साल 2011 में स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने शाहजहांपुर कोतवाली में रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी.

राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद
राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या से रेप के मामले में अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिया है. कोर्ट ने बीमारी और अन्य आधार पर अग्रिम जमानत स्वीकार की है. साथ ही स्वामी चिन्मयानंद को विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिया है. स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने वर्ष 2011 में शाहजहांपुर कोतवाली में रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी.

इस मामले में राज्य सरकार ने 2018 में चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का निर्णय लिया था. अधीनस्थ अदालत से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने राज्य सरकार के इस फैसले को खारिज कर दिया था. इसके अलावा स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था. इसे देखते हुए पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की यह अर्जी दाखिल की थी.

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि स्वामी काफी वृद्ध और बीमार हैं, वह एक शिक्षाविद् और आध्यात्मिक व्यक्ति हैं. कई शैक्षणिक संस्थाओं को चला रहे हैं. जबकि अभियोजन की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि मामला एक छात्रा से दुष्कर्म का है. जमानत योग्य नहीं है. अपने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. इससे पहले कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी, जिसके तिथि समाप्त होने के बाद उनको नियमित अग्रिम जमानत दे दी गई है.

यह भी पढ़ें- Ramcharit Manas controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में सपा समर्थकों ने पोस्टरों पर लिखा 'मैं शूद्र हूं, मुझे गर्व है'

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या से रेप के मामले में अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिया है. कोर्ट ने बीमारी और अन्य आधार पर अग्रिम जमानत स्वीकार की है. साथ ही स्वामी चिन्मयानंद को विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिया है. स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने वर्ष 2011 में शाहजहांपुर कोतवाली में रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी.

इस मामले में राज्य सरकार ने 2018 में चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का निर्णय लिया था. अधीनस्थ अदालत से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने राज्य सरकार के इस फैसले को खारिज कर दिया था. इसके अलावा स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था. इसे देखते हुए पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की यह अर्जी दाखिल की थी.

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि स्वामी काफी वृद्ध और बीमार हैं, वह एक शिक्षाविद् और आध्यात्मिक व्यक्ति हैं. कई शैक्षणिक संस्थाओं को चला रहे हैं. जबकि अभियोजन की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि मामला एक छात्रा से दुष्कर्म का है. जमानत योग्य नहीं है. अपने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. इससे पहले कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी, जिसके तिथि समाप्त होने के बाद उनको नियमित अग्रिम जमानत दे दी गई है.

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