प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख गृह और पुलिस महानिदेशक को गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप कानून 1986 के तहत 31 दिसंबर 21 तक नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जब तक नियम नहीं बन जाते इस दौरान सभी पुलिस अधीक्षकों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को सर्कुलर जारी कर अपने कार्यालय में क्षेत्राधिकारी रैंक के अधिकारी की तैनाती करने का निर्देश दिया जाए. इन लोगों पर संगठित अपराध के आरोपियों का गैंग चार्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए. इसके बाद एसपी, एसएसपी के क्रास चेक के बाद इनके अनुमोदन से गैंग चार्ट जारी हो.
गैंग चार्ट जारी करने के कोर्ट ने दिए निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा कि गैंग चार्ट में अपराध, अपराध की प्रकृति, अपराधों की संख्या, पारिवारिक पृष्ठभूमि, अवैध संपत्ति, समाजिक आर्थिक स्तर और जिले से लेकर प्रदेश के बाहर तक का गैंग क्षेत्र समेत पूरा व्यापार दिया जाए. कोर्ट ने विशेष अदालतों को मुकदमों का विचारण चार्जशीट दाखिल होने के एक साल में पूरा करने का भी निर्देश दिया है. अन्य मुकदमों पर गैंगस्टर एक्ट के मामले के निस्तारण में वरीयता दी जाए. ये आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने निशांत उर्फ निशू और तीन अन्य की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने तीन आरोपियों अमित, कशिश श्रीवास्तव और नौशाद की जमानत मंजूर कर ली. केवल निशान्त की अर्जी पर पूरक हलफनामा और जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है.
दूसरे हफ्ते में होगी अर्जी की सुनवाई
कोर्ट ने कहा कि गिरोहबंद कानून बने 35 साल बाद भी नियम नहीं बना. पुलिस जिसका दुरुपयोग कर रही है. अपराधियों के आधे-अधूरे गैंग चार्ट बना रही है. जिसका आरोपी जमानत के समय फायदा उठा रहे हैं. कोर्ट ने कहा पुलिस के इस रवैये की सराहना नहीं की जा सकती. कोर्ट ने जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए कानूनी पहलुओं पर विचार किया और स्पष्ट नियम बनाने के निर्देश दिए.
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याची पर 15 केस दर्ज हैं लेकिन गैंग चार्ट में 6 केस दिखाए गए हैं. जमानत निरस्त करने की निचली अदालत के आदेश में 15 केसों का उल्लेख है. गैंग चार्ट बनाने में लापरवाही की गयी. सरकार और पुलिसम हानिदेशक के आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जिसमें चार्जशीट हो, उन्हें ही दिखाया जाए. जबकि चार्ट में पूरी जानकारी होनी चाहिए. ये भी शामिल किया जाए कि जमानत का दुरुपयोग किया गया है. याची को 15 में से 13 केस में जमानत मिल चुकी है. जिसका इसने दुरुपयोग किया है.