प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में गिरफ्तार आनंद गिरि और लेटे हनुमान जी मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी को अदालत में पेश करने के बाद बुधवार शाम न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारागार नैनी में दाखिल करा दिया गया है. जेल में उन दोनों को कैदियों से अलग हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है. सूत्रों की मानें तो वहां तैनात बंदी रक्षकों ने रात भर आनंद गिरि को कभी बैठकर इधर-उधर ताकते तो कभी टहलते देखा है. आद्या प्रसाद देर रात तक जगा फिर लेट गया था, हालांकि उसे भी रातभर नींद नहीं आई. जेल मैनुअल के मुताबिक दोनों को बीती रात खाने में दाल, रोटी और सब्जी परोसा गया, जिसे खाने से दोनों ने इंकार कर दिया.
अय्याशी भरी जिंदगी जीने के लिए चर्चित आनंद गिरि को अब असल संन्यासी की तरह जेल में आम बंदी जैसा सुलूक झेलना पड़ रहा है. शाम होते ही दोनों को जेल मैनुअल के मुताबिक दाल, रोटी और सब्जी परोसा गया, जिसे खाने से दोनों ने मना कर दिया. बुधवार शाम जब उन्हें जेल में दाखिल कराया जा रहा था, तब दोनों के पास सामान से भरे कई बैग थे, जिसकी गेट पर तलाशी ली गई. बैग में काफी सामान जेल मैनुअल के विपरीत था, जिसे अंदर ले जाने से मना कर दिया गया और सारा सामान गेट के बाहर ही रखवा दिया गया.
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बता दें कि जब आनंद गिरी को कचहरी से जेल ले जाया जा रहा था, उस समय बंद गाड़ी में जब पत्रकारों ने आनंद गिरि से बातचीत करनी चाही तो उसने साफ कहा कि आईजी प्रयागराज केपी सिंह मेरी हत्या करा सकते हैं. जिसके बाद कोर्ट ने नैनी जेल अधीक्षक से जेल मैनुअल के अनुसार उचित कार्यवाई करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने अगले आदेश तक आनंद गिरी और आद्या तिवारी ऑनलाइन पेशी का भी आदेश दिया है.
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आनंद गिरि ने अपने अधिवक्ता के जरिए जिला न्यायालय में अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है. उसने एक प्रार्थना पत्र देकर अपने सुरक्षा की मांग की है. प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि बुधवार को पेशी के दौरान उसके ऊपर हमला और अभद्रता की गई, ऐसे में उसकी जान को खतरा है. ऐसे में जेल से कोर्ट लाते समय और जेल में उन्हें विशेष सुरक्षा प्रदान की जाए.